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Adipurush Ram Character: इस स्वार्थी दुनिया में कहीं खो न जाएं मेरे श्रीराम
Adipurush Ram Character Controversy: फिल्म डायरेक्टर ओम राउत की 'आदिपुरुष' ने मेरे जैसे लोगों के दिल में डर जगा दिया है। मेरे श्रीराम भविष्य में इस क्रिएटिविटी की दुनिया में कहीं खो न जाएं।
Adipurush Ram Character Controversy: मुझे दुख है कि लोग अपने स्वार्थ के लिए अपने धर्म, अपने भगवान का भी यूज करने में संकोच नहीं कर रहे है। देश की राजनीति और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री इसका बड़ा उदहारण है। और लोग भी खूब हैं, जो इनके काम में सहयोग दे रहे हैं। भगवान के नाम पर कोई अपनी सत्ता, तो कोई फिल्मों के जरिए अपनी क्रिएटिविटी दिखाकर पैसा कमा रहा है। हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव और फिल्म 'आदिपुरुष' इसका सबसे बड़ा उदहारण है। 'आदिपुरुष' राम चरित्र मानस की कहानी दिखाई गई है। इस फिल्म में साउथ एक्टर प्रभास श्रीराम, बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन माता सीता और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान रावण की भूमिका में नजर आ रहे हैं। फिल्म को 41 साल के ओम राउत ने डायरेक्ट किया है।
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फिल्म में माता सीता के कपड़े छोटे हो गए हैं। राम जी का तेज और उनका सौम्य स्वाभाव कहीं खो गया है। हनुमान जी की भाषा अभद्र हो गई है। और रावण का तो पूरा लुक ही बदल गया है। इसे लेकर फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत का कहना है कि ये सब आज के समय को देखते हुए किया गया है। यानि की आज के समय में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और रावण अगर होते, तो ऐसे होते जैसे फिल्म में दिखाए गए हैं। डायरेक्टर के अनुसार ऐसा करने से आज के युवा इस फिल्म से जुड़ सकेंगे।
मैं डायरेक्टर ओम राउत से पूछना चाहूंगी कि आज आपने इस समय को देखकर उस रामायण और राम को बदल दिया, जो लोगों के दिलों-दिमाग में वास करते हैं। भविष्य में कल आप ही की तरह कोई और युवाओं को फिल्म से जोड़ने के लिए अपने तरीके से उस समय के अनुसार दुनिया के सामने राम और रामायण को पेश करेगा। क्या आपने सोचा है अगर ऐसा ही होता रहा, तो एक दिन पूरी रामायण और राम का चरित्र ही बदल जाएगा। इस तरीके से युवा तो फिल्म से जुड़ जाएंगे, आपकी फिल्म भी चल जाएंगी, लेकिन आने वाली पीढ़ी कहीं न कहीं श्रीराम के उस चरित्र से दूर हो जाएगी। जिसके कारण दुनिया आज उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम मानकर पूजती है। अपना भगवान अपना आराध्य मनाती हैं। आने वाले समय अगर आप की तरह लोग फिल्में बनाते रहें, तो राम का चरित्र और राम सब कुछ बदलकर खत्म हो जाएगा।
ओम राउत जी मैं जानती हूं कि श्रीराम जी को किसी ने नहीं देखा। रामानंद सागर जो राम और रामाय़ण बनाकर चले गए उन्होंने भी नहीं देखा था। लेकिन उन्होंने अपनी भक्ति से रामायण बनाई और राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान के साथ रावण को भी लोगों के दिलों में उतार दिया। लेकिन ओम राउत जी आपने जो रामायण पर फिल्म बनाई है, उसमें आपकी भक्ति कम क्रिएटिविटी ज्यादा नजर आई है, जो सिर्फ मनोरंजन और पैसा कमाने के लिए की गई है। इसलिए आपके आदिपुरुष ने मेरे जैसे लोगों को ये लेख लिखने पर मजबूर कर दिया। मेरे दिल में डर जगा दिया, कहीं मेरे श्रीराम भविष्य में इस क्रिएटिविटी की दुनिया में खो न जाएं। रामानंद सागर के राम ने लोगों को राम का भक्त बनाया और आपके राम ने लोगों के दिलों में राम के कहीं खो जाने का डर जगा दिया।
भविष्य में ये डर सच न हो इसलिए मैं 'आदिपुरुष' फिल्म को बैन करने की मांग करती हूं। इसके साथ ही राम भक्तों से मैं इस फिल्म को न देखने की अपील करती हूं। इसके अलावा में सरकार से भी अपील करती हूं ये तय करें कि भविष्य में देवी-देवताओं के चरित्र के साथ खिलवाड़ करने वाली इस तरह की फिल्में न बनाई जाए। जिससे आने वाली पीढ़ी देवी-देवताओं को लेकर भ्रमित ना हों।
( लेखिका पत्रकार हैं। ये इनके निजी विचार हैं।)