×

हनीट्रैप के बाद अब बाबा ट्रैप का सहारा

भारतीय सेना के लोगों को अपना निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अपना तरीका बदल लिया है। अब यह एजेंसी सेना के लोगों से संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए हनीट्रैप की जगह बाबा ट्रैप का ज्यादा इस्तेमाल कर रही है।

Vidushi Mishra
Published on: 7 Nov 2019 4:59 PM GMT
हनीट्रैप के बाद अब बाबा ट्रैप का सहारा
X
हनीट्रैप के बाद अब बाबा ट्रैप का सहारा

अंशुमान तिवारी

नईदिल्ली : भारतीय सेना के लोगों को अपना निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अपना तरीका बदल लिया है। अब यह एजेंसी सेना के लोगों से संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए हनीट्रैप की जगह बाबा ट्रैप का ज्यादा इस्तेमाल कर रही है। इस बात का खुलासा होने के बाद सेना की ओर से सभी ऑफिसर्स और जवानों को एडवाइजरी जारी की गई है।

यह भी देखें... तीस हजारी कोर्ट: झड़प मामला पहुंचा कोर्ट, अफसरों पर आई आफत

सेना ने जारी की एडवाइजरी

इस एडवाइजरी में सेना के लोगों को आगाह करते हुए बताया गया है कि किस तरह पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) फौज के लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं और किस तरह उन्हें बचना है।

इसमें कहा गया है कि पीआईओ के लोग आर्मी के वरिष्ठ अफसरों के नंबर हासिल करने, सेना के युद्धाभ्यास आदि के बारे में या दूसरी संवेदनशील जानकारी लेने की कोशिश कर सकते हैं। उनके निशाने पर ऐसे लोग होते हैं जो सतर्क नहीं हैं।

परिवारवालों को भी बना रहे निशाना

सेना से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के जासूस फौजियों के परिवारवालों को भी टारगेट कर रहे हैं। इसके साथ ही वे आर्मी कैंट एरिया के रेलवे क्लक्र्स को भी टारगेट कर रहे हैं ताकि उनसे फौजियों के मूवमेंट का पता कर सकें। अबतक सोशल मीडिया में ऐसे करीब 150 फर्जी प्रोफाइल की पहचान की गई है।

ये भी देखें… अलर्ट पर चप्पा-चप्पा: स्टेशनों सहित जगह-जगह तैनात हुई फोर्स

जासूसों ने बदला तरीका

सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले पाकिस्तानी जासूस हनीट्रैप के जरिये जानकारी हासिल करने की कोशिश करते थे, मगर अब उन्होंने तरीका बदल दिया है। अब वे आध्यात्मिक गुरुओं के फर्जी प्रोफाइल बनाकर भी फौजियों को निशाना बना रहे हैं। इसके लिए वह टिक-टॉक, स्काइप, व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक के साथ ही डिफेंस की ब्लॉगिंग साइट्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

पाक जासूस भारतीय सेना के रिटायर्ड फौजियों के भी फर्जी प्रोफाइल बनाकर जवानों और अफसरों को टारगेट कर रहे हैं। उनके निशाने पर आर्मी के ऐसे लोग होते हैं जो जाने-अनजाने सोशल मीडिया पर किसी विषय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं।

सोशल मीडिया पर न लिखें शिकायतें

एडवाइजरी में सेना के लोगों को आगाह किया गया है कि यदि किसी को भी कोई शिकायत है तो उसका जिक्र सोशल मीडिया में ना करें क्योंकि पाकिस्तान इंटेलिजेंस के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। किसी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करने की सलाह भी दी गयी है।

सेना के लोगों से यह भी कहा गया है कि वे सोशल मीडिया पर किसी ग्रुप का हिस्सा ना बनें, यूनिफॉर्म में फोटोग्राफ ना डालें, किसी अजनबी के साथ फोन पर बात ना करें। संदिग्ध साइट व संदिग्ध मेल से भी दूर रहने की सलाह दी गई है।

ये भी देखें… सनी देओल भी करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में शामिल होने वाले आधिकारिक जत्थे का हिस्सा होंगे

यह भी कहा गया है कि यदि सेना के लोगों को लगे कि कोई भी उनसे फर्जी नाम से जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है तो उन्हें इस बाबत सेना को सूचना देनी चाहिए ताकि मामले की जांच-पड़ताल कर संदिग्ध पर शिकंजा कसा जा सके।

पुलिस ने दो जवानों को किया गिरफ्तार

हाल में राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट ने सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया है। उन्हें पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट ने हनीट्रैप किया था। जवानों ने उस आईएसआई एजेंट से कथिततौर पर गोपनीय और रणनीतिक सूचनाएं साझा की थी। आईएसआई ने इन जवानों को फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये जाल में फंसाया गया था।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story