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Journalism Course: कृषि पत्रकारिता एवं विज्ञान संचार, देश में पहली बार ये नई शुरुआत
Journalism Course: कृषि विकास में कृषि पत्रकारिता की अहम भूमिका है। भारत में हरित क्रांति को सफल बनाने में भी कृषि पत्रकारिता की अहम भूमिका रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाते हैं तो विज्ञान हमारे समाज और संस्कृति का हिस्सा बन जाता है।
Journalism Course: भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का एकमात्र आधार उन्नत कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी होगी। कृषि पत्रकारिता में एक समस्या यह आती है कि पत्रकारों को कृषि के बारे में सामान्य जानकारी भी नहीं होती है। किसान और खेती से जुड़े चित्रों का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जबकि कृषि विकास में कृषि पत्रकारिता की अहम भूमिका है। भारत में हरित क्रांति को सफल बनाने में भी कृषि पत्रकारिता की अहम भूमिका रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाते हैं तो विज्ञान हमारे समाज और संस्कृति का हिस्सा बन जाता है। भारतीय वैज्ञानिकों की सभी छोटी और बड़ी उपलब्धियों का उत्सव विज्ञान के प्रति झुकाव पैदा करेगा और 'अमृतकाल' में हमारी मदद करेगा।
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यह सही है कि बदलते वक्त के साथ कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म के तौर-तरीके बदल गए हैं। लेखन की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है । लेकिन अब सिर्फ लेखन पर जोर देना पर्याप्त नहीं है। फोटोग्राफी, ऑडियो, वीडियो संबंधी तकनीकें वर्तमान समय की जरूरत बन गई हैं। लेकिन मोबाइल जर्नलिज्म ने इसे आसान कर दिया है। इसके लिए महँगे उपकरणों की जरूरत नहीं होती। इस जरूरत को स्मार्टफोन की मदद से काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। हमें पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले युवाओं को मीडिया में डेडलाइन के महत्व के साथ-साथ इन जरूरतों को समझाना होगा और उसके अनुरूप स्वयं को और छात्रों को ढालना होगा।
कृषि और विज्ञान संबंधी खबरों की टीआरपी
यह मानना गलत है कि कृषि और विज्ञान संबंधी खबरों की टीआरपी कम होती है। जब हम तथ्यात्मक त्रुटि न करते हुए खबर देते हैं तो कृषि और विज्ञान प्रौद्योगिकी आधारित समाचारों और कार्यक्रमों की टीआरपी सबसे अधिक जाती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (CSA University) कानपुर और दैनिक जागरण प्रणीत पत्रकारिता प्रबंधन संस्थान जिम्सी (JIMMC) ने देश के पहले कृषि पत्रकारिता एवं विज्ञान संचार पाठ्यक्रम के लिए हाथ मिलाया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को कुलपति प्रो बिजेंद्र सिंह और जिम्सी निदेशक प्रो उपेंद्र ने अयोध्या प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसी सत्र से प्रारंभ हो रहे पत्रकारिता पाठ्यक्रम की अधिसूचना को मीडिया के साथ साझा किया।
एनडी यूनिवर्सिटी कुमारगंज के कुलपति
दरअसल प्रो बिजेंद्र सिंह सीएसएयूटी कानपुर और एनडी यूनिवर्सिटी कुमारगंज, अयोध्या दोनों के ही कुलपति हैं और वे रविवार को 'अयोध्या रेडियो' के लोकार्पण व स्टूडियो शिलान्यास के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि थे। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मॉस कम्युनिकेशन (IIMC-JNU Campus) नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो (डॉ) संजय द्विवेदी Sanjay Dwivedi ने इस संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के तौर पर सम्बोधित किया और उत्तर प्रदेश के राजकीय कृषि विश्वविद्यालय को इस बात की बधाई दी कि उसने जागरण जर्नलिज्म इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर ग्रामीण भारत और कार्पोरेट कम्युनिकेटर्स के बीच समन्वय सेतु की आधारशिला रख दी है। दैनिक जागरण प्रणीत "जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन" के निदेशक प्रो (डॉ) उपेंद्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
एग्री-जर्नलिज्म एंड साइंस डिप्लोमा कोर्स
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या और सीएसए कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डा.बिजेंद्र सिंह रहे। श्रीराम जन्मभूमि धर्म क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र जागरण और सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के एग्री-जर्नलिज्म एंड साइंस कम्युनिकेशन डिप्लोमा कोर्स और अयोध्या रेडियो के शुभारंभ समारोह को विशिष्ट वक्ता के रूप में संबोधित किया। जिम्सी के एसोसिएट प्रोफेसर राम कृष्ण वाजपेई ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिष्ठित सीएसएयूटी विश्वविद्यालय और जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन (JIMMC) के संयुक्त तत्वावधान में देश का पहला एग्री-जर्नलिज्म व साइंस कम्युनिकेशन डिप्लोमा ग्रामीण सेवाओं के साथ ही मेट्रो शहरों में कार्पोरेट कम्युनिकेटर्स जैसी जॉब्स के लिए नई राह खोलेगा।
पहली जून को होगी प्रवेश परीक्षा
देश के पहले एग्री-जर्नलिज्म एंड साइंस कम्युनिकेशन डिप्लोमा कोर्स के लिए प्रवेश प्रकिया प्रारंभ हो गई है। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के निदेशक प्लेसमेंट और कृषि पत्रकारिता कोर्स प्रभारी प्रो (डॉ) विजय कुमार यादव और जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन कानपुर के निदेशक प्रो उपेंद्र ने बताया कि अभ्यर्थी सीएसए विश्वविद्यालय और जिम्सी की वेबसाइटों www.csauk.ac.in या www.jimmckanpur.ac.in पर जाकर 15 मई तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सीएसए विश्वविद्यालय के सेवायोजन व प्लेसमेंट विभाग और जिम्सी के साकेत नगर कानपुर स्थित कैंपस में 17 मई की शाम पांच बजे तक आनलाइन हार्डपेपर आवेदन स्वीकार किये जाएंगे।
दैनिक जागरण प्रणीत जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन में तीन वर्षीय पत्रकारिता एवं जन संचार डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय प्रिंट आनलाइन पत्रकारिता, टीवी पत्रकारिता, डिजिटल मार्केटिंग और विज्ञापन व जन सम्पर्क पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसके अलावा अभिरुचि व कौशल विकास पाठ्यक्रम के तहत न्यू रेडियो, डिजिटल मार्केटिंग, फोटो पत्रकारिता व ग्राफिक डिजाइन का तीन माह का सर्टिफिकेट कार्स भी संचालित है। इन सभी कोर्सों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं।
(लेखक एसोसिएट प्रोफेसर)