TRENDING TAGS :
Maharashtra:अजित पवार दबाव बनाने में कामयाब,CM शिंदे मुराद पूरी करने पर सहमत,NCPके मंत्रियों को भी मिलेंगे अहम मंत्रालय
Maharashtra:अजित पवार राज्य में वित्त और सहकारिता मंत्रालय की मांग को लेकर अड़े हुए थे और आखिरकार सीएम शिंदे ने पवार की इस मांग पर मुहर लगा दी है। पवार के साथ शपथ लेने वाले एनसीपी के आठ अन्य मंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभाग देने पर मुहर लग गई है।
Maharashtra: महाराष्ट्र में एनसीपी के नए मंत्रियों के विभागों को लेकर पिछले कई दिनों से जारी सस्पेंस खत्म हो गया है। एनसीपी में बगावत के बाद डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं। अजित पवार राज्य में वित्त और सहकारिता मंत्रालय की मांग को लेकर अड़े हुए थे और आखिरकार सीएम शिंदे ने पवार की इस मांग पर मुहर लगा दी है। पवार के साथ शपथ लेने वाले एनसीपी के आठ अन्य मंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभाग देने पर मुहर लग गई है।
अजित पवार उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पूर्व सरकार में भी डिप्टी सीएम के साथ वित्त मंत्री के रूप में काम कर रहे थे। शिंदे सरकार में भी वे यही मंत्रालय पाना चाहते थे मगर इस पर सीएम शिंदे और फडणवीस सहमत नहीं बताए जा रहे थे। अब अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने के फ़ैसले को उनकी बड़ी जीत माना जा रहा है।
कई दिनों से फंसा हुआ था पेंच
एनसीपी में बगावत के बाद अजित पवार और उनके आठ अन्य साथियों ने मंत्री पद की शपथ ली थी मगर अभी तक उन्हें विभागों का बंटवारा नहीं किया गया था। दरअसल अहम मंत्रालयों को लेकर बड़ा पेच फंसा हुआ था। अजित पवार अपने और अन्य साथी मंत्रियों के लिए अहम मंत्रालय मांग रहे थे। उनकी इस मांग पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सहमत नहीं थे। इसे लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री आवास पर तीनों नेताओं की आधी रात के बाद तक बैठक भी चली थी। हालांकि इस बैठक के दौरान भी सहमति नहीं बन सकी थी।
मंत्रियों के विभाग बंटवारे के साथ ही राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर भी गुत्थी उलझी हुई है। शिंदे गुट के साथ ही भाजपा के कई विधायकों ने कैबिनेट विस्तार के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव बना रखा है। माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारे की गुत्थी सुलझने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे की ओर से जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
विभाग बंटवारे पर मुख्यमंत्री की मुहर
जानकार सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र के नए मंत्रियों को विभाग बंटवारे के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने फैसला ले लिया है। इस बाबत मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के जरिए राजभवन को सूचना भेजी गई है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद सूची मुख्य सचिव के पास भेजी जाएगी। डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी विभागों के बंटवारे की पुष्टि की है।
सूत्रों के मुताबिक अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय लेने की मांग पर अड़े हुए थे मगर इसे लेकर शिंदे गुट के साथ उनकी खींचतान चल रही थी। एनसीपी के कई नेता सरकारी और निजी चीनी मिल चला रहे हैं। यही कारण है कि अजित पवार ने सहकारिता मंत्रालय पर नजरें गड़ा रखी हैं।
जानकारी सूत्रों का कहना है कि अब पवार को वित्त और सहकारिता मंत्रालय मिलना तय हो गया है। उनके साथी मंत्रियों को योजना, खाद्य और आपूर्ति, कृषि, राहत और पुनर्वास, महिला और बाल विकास और चिकित्सा शिक्षा जैसे मंत्रालय देने का फैसला किया गया है।
शिंदे के साथी विधायकों ने लगाया था आरोप
पिछले साल एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत की थी। शिवसेना के बागी विधायकों ने तत्कालीन वित्त एवं सहकारिता मंत्री अजित पवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने फंड वितरण के मामले में अजित पवार पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया था। उनका कहना था कि अजित पवार एनसीपी के विधायकों को अधिक फंड जारी करते हैं जबकि दूसरे अन्य विधायकों की उपेक्षा की जाती है।
यही कारण था कि शिंदे गुट इस बार भी अजित पवार को वित्त और सहकारिता मंत्रालय देने पर सहमत नहीं था। हालांकि अजित पवार इस मामले में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहे हैं। अजित पवार का साथ देने वाले कई विधायकों की नजर अपने क्षेत्र के विकास के लिए जारी होने वाले फंड पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि अजित पवार वित्त मंत्रालय पाकर अपना साथ देने वाले विधायकों को ज्यादा फंड देने में कामयाब रहेंगे।