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सावधान! सुपर हीरो प्रिया आ रही है, ऐसे कुकर्मी अपराधियों को सबक सिखाने
अमेरिका की लेखक और अभिनेता दीप्ति मेहता और राम देविनेनी द्वारा लिखित प्रिया की शक्ति श्रृंखला की इस तीसरी पुस्तक को एनजीओ अपने आप महिला वर्ल्डवाइड ने गुरुवार को कोलकाता के एलायंस फ्रैंकेइस में लॉन्च किया। यह पुस्तक काफी हद तक अपने आप की संस्थापक रुचिरा गुप्ता के अनुभवों पर आधारित है।
आज हम आपको सुपर हीरो प्रिया, एक ऐसी साहसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं। जो महिलाओं की पहली सुपर हीरो है। जब भी कोई लड़की किसी आपदा की शिकार होती है वह उसे बचाने पहुंच जाती है। अभी तक जितने भी सुपर हीरो हुए हैं वह पुरुष प्रधान समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए पुरुष ही हुए हैं। ये सुपर हीरो बच्चों को लुभाते रहे हैं, लेकिन इन्हीं बच्चों में लड़कियों के मन में एक सवाल छोड़ जाते रहे हैं कि क्या ऐसी सुपर हीरो लड़की नहीं हो सकती है जो लड़कियों को बचाने के लिए आगे आए।
सुपर हीरो प्रिया, बलात्कार की शिकार होने से बची लड़की है, जो साहस नामक उड़ते हुए बाघ की सवारी करती है और अपने गाँव की लड़कियों को गाली-गलौज और यौन हिंसा के खिलाफ खड़े होने में मदद करती है। प्रिया से मिलिए, एक कॉमिक सीरीज़ के सुपर हीरो की तरह।
अमेरिका की लेखक और अभिनेता दीप्ति मेहता और राम देविनेनी द्वारा लिखित प्रिया की शक्ति श्रृंखला की इस तीसरी पुस्तक को एनजीओ अपने आप महिला वर्ल्डवाइड ने गुरुवार को कोलकाता के एलायंस फ्रैंकेइस में लॉन्च किया। यह पुस्तक काफी हद तक अपने आप की संस्थापक रुचिरा गुप्ता के अनुभवों पर आधारित है।
सुपर हीरो प्रिया की हमेशा कमी महसूस की
रुचिरा गुप्ता बताती हैं कि वह बचपन में हमेशा एक महिला सुपरहीरो की कमी महसूस करती थी। मुझे कॉमिक्स पढ़ना बहुत पसंद था, विशेष रूप से टिनटिन, लेकिन वह भी पुरुष था। उन्हें ये लैंगिक भेदभाव लगता था। लेकिन अब कम से कम बच्चों के बीच में सुपर हीरो प्रिया के होने से लिंग पूर्वाग्रह के सारे भ्रम टूट जाते हैं।
कॉमिक बुक में सुपर हीरो प्रिया के कारनामे में रुचिरा के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित हैं। रुचिरा का कहना था कि सुपर हीरो प्रिया को ज्यादातर पाठक अपने बीच महसूस करते हैं, क्योंकि वह तस्करी होने वाली लड़कियों को बचाने की कोशिश करती है, महिला अपराधियों पर टूट पड़ती है। ये घटनाएं वास्तविक जीवन पर आधारित हैं।
जेरोम फाउंडेशन और न्यूयॉर्क स्टेट काउंसिल ऑन द आर्ट्स द्वारा आर्थिक मदद प्राप्त इस पुस्तक को गत वर्ष दिसंबर में अमेरिका में लॉन्च किया गया था।
निर्भया कांड ने प्रेरित किया
रुचिरा बताती हैं कि 2012 में निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड के तुरंत बाद सुपर हीरो प्रिया पर काम करने की योजना बनाई गई। इस घटना से हम सभी आक्रोश में थे। तब से, अपने आप संस्था भी युवा लड़कियों को उनके अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए सिखाने और तैयार करने की कोशिश कर रहा है। रुचिरा ने बताया कि कॉमिक बुक सुपर हीरो प्रिया स्कूली बच्चों तक तस्करी और लैंगिक पूर्वाग्रह के बारे में जानकारियां पहुँचाती है।
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वह कहती हैं कि हमें युवा लड़कियों को एक ऐसा नायक देने की ज़रूरत थी, जो उन्हें पहचान सके और उन्हें सिखा सके कि महिलाएँ भी पुरुषों की तरह मजबूत हैं। गुप्ता ने फ्रेंच कॉन्सल जनरल, वर्जिनी कोर्टेवल के साथ बातचीत में कहा, कि हमने शहर के स्कूलों में कार्यशाला आयोजित करने और बच्चों को सुपर हीरो प्रिया की ओर खींचने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना भी बनाई है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
कोर्टेवल ने सुनाई कहानी
फ्रेंच कॉन्सल जनरल कोर्टेवल ने नई कॉमिक के पहले पृष्ठ को पढ़ा, जिसमें प्रिया और साहस को उनके गाँव में एक संक्षिप्त अंतराल के बाद पता चला था कि कई युवा लड़कियां गायब थीं। प्रिया लक्ष्मी के बारे में उसकी बहन से पूछती है। लक्ष्मी "काम" करने के लिए बाहर गई है। उसकी बहन ने बताया लक्ष्मी की कोई खबर नहीं है। कहानी के दौरान, लड़कियों को एक वेश्यालय के चंगुल में फंसा पाया जाता है।
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उन्होंने ने महिला सुपरहीरो का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास यूरोप में ऐसा कोई हीरो नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में एक पौराणिक अनुभव है जो इसे लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए आकर्षक और लोकप्रिय बना देगा।
प्रिया और द लॉस्ट गर्ल्स का मुफ्त ऑनलाइन संस्करण दिसंबर से पहले ही 500,000 हिट हो चुका है। पुस्तक का हिंदी में भी अनुवाद किया गया है।