TRENDING TAGS :
अमित शाह ने शिवसेना पर लगाया विश्वासघात करने का आरोप
सरकार गठन पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के आरोपों पर कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समया नहीं मिला था। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 18 दिन दिए गए थे।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सत्ता के लिए जंग अभी जारी है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने के लिए बातचीत जारी है। मंगलवार को सरकार गठन को लेकर तीन पार्टियों में चर्चा चल ही रही थी और कोई फैसला होता उससे पहले ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया।
इस बीच महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के आरोपों पर कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समया नहीं मिला था। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 18 दिन दिए गए थे। राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया।
यह भी पढ़ें...ऑड-ईवन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा ये जवाब
उन्होंने कहा कि सरकार बनाने को लेकर न तो हमने दावा किया, न शिवसेना और न ही कांग्रेस और एनसीपी ने। अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है। हमें शिवसेना की नई शर्तें मंजूर नहीं हैं। अमित शाह ने कहा कि बंद कमरे की बाते हम सार्वजनिक नहीं बता सकते हैं और हमने कोई विश्वासघात नहीं किया है।
यह भी पढ़ें...राम मंदिर बनाने के लिए सरकार ने शुरू की तैयारी, जल्द लाएगी विधेयक
अमित शाह ने कहा कि चुनावों से पहले पीएम और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे, तब किसी ने आपत्ति नहीं की थी, अब शिवसेना नई मांगें लेकर आई है जो हमें स्वीकार्य नहीं हैं।
यह भी पढ़ें...भव्य राम मंदिर के लिए अयोध्या ही नहीं इन जगहों पर भी हो रही तैयारी, मिलेंगे करोड़ों
अमित शाह ने राष्ट्रपति शासन को सही ठहराते हुए यह भी कहा कि शिवसेना आरोप लगा रही है कि उनकी पार्टी को कम समय दिया गया है। अब पूरे 6 महीने हैं सख्या बल के साथ राज्यपाल के पास जाकर सरकार दावा पेश करें।
यह भी पढ़ें...मुलायम की हालत गंभीर: पहुंचे PGI, सांस लेने में हो रही तकलीफ
अमित शाह ने कहा कि राज्यपाल ने उचित कदम उठाया है। आज जिसके पास बहुमत है वो राज्यपाल के पास जा सकते हैं। सबके पास समय है और कोई भी जा सकता है। राष्ट्रपति शासन से सिर्फ बीजेपी का नुकसान हुआ है। शिवसेना की शर्तें हमें मंजूर नहीं थीं।
उन्होंने कहा कि ये पहले से था कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार आती है तो देवेंद्र फडणवीस ही सीएम होंगे। मैं नहीं चाहता की मध्यावधि चुनाव हो।