अमित शाह का बड़ा एलान, कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं होगा

प्रतिनिधिमंडल ने इस मुलाकात में लगभग 40 मुद्दे उठाए। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने जोर देकर कहा कि सरकार का क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है। ऐसी बातों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर के राज्य बनने की उम्मीदों को पूरा करेगी। इसके लिए जल्द से जल्द समाज के सभी वर्गों के साथ कार्य करेगी।

राम केवी
Published on: 15 March 2020 12:15 PM GMT
अमित शाह का बड़ा एलान, कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं होगा
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प्रमुख संवाददाता

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर घाटी भविष्य को लेकर योजना का खाका पेश करते हुए कहा है कि सरकार का क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है। कश्मीर में 2024 तक तीन गुना निवेश लाने की योजना है। कश्मीर में विकास और दूसरे बदलाव जल्द दिखाई देने लगेंगे। वह आज नई दिल्ली में अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में जम्मू एवं कश्मीर के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे।

प्रतिनिधिमंडल ने इस मुलाकात में लगभग 40 मुद्दे उठाए। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने जोर देकर कहा कि सरकार का क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है। ऐसी बातों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर के राज्य बनने की उम्मीदों को पूरा करेगी। इसके लिए जल्द से जल्द समाज के सभी वर्गों के साथ कार्य करेगी।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने धारा 370 निरस्त किए जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए यह बात कही थी और 6 अगस्त, 2019 को लोकसभा के अपने भाषण में भी यही बात कही थी। गृह मंत्री ने कहा कि यह भारत के हितों के लिए भी अच्छा है, क्योंकि यह क्षेत्र एक सीमावर्ती क्षेत्र है।

रियायतों पर निर्णय दबाव में नहीं

प्रतिबंधों के सवाल पर श्री शाह ने कहा कि रियायतों पर सभी निर्णय जमीनी वास्तविकताओं पर आधारित हैं और किसी दबाव के कारण नहीं।

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उन्होंने नजरबंदी से लोगों को रिहा किए जाने, इंटरनेट की बहाली करने, कर्फ्यू में ढील देने जैसे कदमों का उल्लेख किया। और कहा कि राजनीतिक कैदी भी आने वाले समय में रिहा कर दिए जाएंगे, क्योंकि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होनी चाहिए, चाहे वह आम कश्मीरी हो या सुरक्षा कर्मचारी।

भेदभाव रहित विकास की नीति

गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में जम्मू एवं कश्मीर की एक बेहतर अधिवास नीति होगी और कहा कि व्यापक सलाह-मशविरों के बाद शीघ्र ही एक विवेकसम्मत आर्थिक विकास नीति का प्रारुप तैयार किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के क्रियान्वयन में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और सभी वर्गों के हितों पर ध्यान दिया जाएगा।

गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि शीघ्र ही त्वरित आर्थिक विकास के लिए एक औद्योगिक नीति घोषित की जाएगी और पहले ही एक लैंड बैंक का सृजन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में जम्मू एवं कश्मीर ने 13,000 करोड़ रुपये आकर्षित किए और उम्मीद जताई कि 2024 तक क्षेत्र में तीन गुना और अधिक निवेश आएगा, क्योंकि इसके लिए प्रचुर संभावना है और निवेशक भी आगे आने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य में बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान कर देगी।

आरक्षण मुद्दों पर आयोग जल्द

गृह मंत्री ने कहा कि आरक्षण मुद्दों पर एक आयोग का शीघ्र गठन किया जाएगा और दोहराया कि गुज्जरों, खानाबदोशों और अन्य समुदायों के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर बैंक से संबंधित मुद्दों पर उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इन मुददों पर गौर करेंगे।

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उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन में त्रुटियों के मुद्दे का समाधान फास्ट ट्रैक आधार पर किया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि वह लेफ्टिनेंट गवर्नर को भी एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहेंगे, जो सप्ताह में दो बार पीड़ित व्यक्तियों से मिलेगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को निचले स्तर पर भी फीडबैक गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराने को कहा।

श्री शाह ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू एवं कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए सभी पार्टियों और व्यक्ति विशेषों से सुझावों और फीडबैक पाने की इच्छुक है।

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