TRENDING TAGS :
इंस्पेक्टर से बने सांसद ने पूर्व बॉस को किया सैल्यूट, तस्वीर हुई वायरल
भारतीय लोकतंत्र की रचना इस प्रकार की गई है कि यहां कोई भी व्यक्ति राजनीति में आकर शीर्ष स्थान तक पहुंच सकता है। कुछ यही नजारा आंध्र प्रदेश में देखने को मिला, जहां पूर्व इंस्पेक्टर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बन गया।
आंध्र-प्रदेश: भारतीय लोकतंत्र की रचना इस प्रकार की गई है कि यहां कोई भी व्यक्ति राजनीति में आकर शीर्ष स्थान तक पहुंच सकता है। कुछ यही नजारा आंध्र प्रदेश में देखने को मिला, जहां पूर्व इंस्पेक्टर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बन गया। सांसद बनने के बाद जब उनकी मुलाकात अपने पूर्व बॉस से हुई तो दोनों एक दूसरे को सैल्यूट करते हैं। सांसद और पुलिस अधिकारी की एक दूसरे को सैल्यूट करने की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
यह भी पढ़ें,,, जाने कैसे निरहुआ को आजमगढ़ में मुलायम से ज्यादा मिले वोट
जानिए पूरा मामला-
आंध्र प्रदेश सर्किल से पूर्व इंसपेक्टर गोरंतला माधव लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद अब अनंतपुर जिले की हिंदुपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर उनकी एक फोटो खूब वायरल हो रही है। इस फोटो में वे अपने पूर्व बॉस सीआईडी डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस महबूब बाशा को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं। तस्वीर में अन्य कई पुलिसकर्मी भी खड़े हैं और एसपी बाशा और सांसद माधव एक दूसरे को मुस्कुराकर सैल्यूट कर रहे हैं। ये फोटो एक पोलिंग सेंटर पर ली गई है, जहां काउंटिंग चल रही थी। वायरल फोटो पर मीडिया से बात करते हुए माधव ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व बॉस को सैल्यूट किया है। मैं उनका आदर करता हूं। यह हम दोनों के बीच परस्पर सम्मान का भाव है।
यह भी पढ़ें,,, कस्टम विभाग ने 22 लाख की कीमत का 671 ग्राम सोना लखनऊ एयरपोर्ट से पकड़ा
माधव का इस्तीफा पहले नहीं हुआ था मंजूर-
आपको बता दें कि माधव ने हिंदुपुर से वाईएसआरसीपी के टिकट पर टीडीपी के सांसद कृष्टप्पा निम्मला को 140748 के भारी अंतर से चुनाव में शिकस्त दी है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिसंबर माह में माधव ने चुनाव लड़ने के लिए पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें जनवरी में वायएसआरसीपी से टिकट दिया गया था। पहले तो चुनाव आयोग ने उनका नॉमिनेशन रिजेक्ट कर दिया था क्योंकि उस समय तक पुलिस विभाग ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। जब स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और आईजी को उनका इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहा तब जाकर माधव का इस्तीफा मंजूर हुआ था।