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पापड़ बेचने वाले आनंद कुमार और ऑटो रिक्शा वाले आरके श्रीवास्तव की ऐसी है कहानी
आनंद कुमार की जीवनी पर बॉलीवुड ने सुपर 30 फिल्म बना है इसमें ऋतिक ने आनंद कुमार के संघर्ष को बखूबी दिखाया। कैसे एक पापड़ बेचने वाले ने सैकड़ों गरीब स्टूडेंटस के सपने को दिया पंख।आनंद कुमार की तरह ही बिहार के आरके श्रीवास्तव की कहानी है,
पटना आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स के सपनो को पंख देने वाले का नाम है आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव । अब लाखों युवाओं के रोल मॉडल बन गए हैं ये दोनों बिहार के हैं। दोनों शिक्षकों ने अपने कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और ऊंची सोच के दम पर ही शीर्ष स्थान को प्राप्त कर लिया है।
करीब एक दशकों से भी अधिक समय से आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव देश के शिखर शिक्षक बने हुए है। देश के टॉप 10 शिक्षकों में भी इन दोनो बिहारी शिक्षकों का नाम है। दोनों ही गणित के शिक्षक है, परन्तु इनके शैक्षणिक कार्यशैली एक दशकों से चर्चा का विषय बना हुआ है।
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पूरे देश की दुआएं आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव को मिलता हैं । विदेशो में भी इन दोनों बिहारी शिक्षकों के पढाने के तरीकों को पसंद किया जाता हैं। उन सभी देशों में भी इनकी शैक्षणिक कार्यशैली को पसंद किया जाता हैं, जहां पर भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं।
दोनों का व्यक्तित्व सरल
आनंद कुमार और मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव दोनों का व्यक्तित्व सरल है। दोनों ने पिता के गुजरने के बाद अपने पढ़ाई के दौरान गरीबी के कारण उच्च शिक्षा में होने वाले परेशानियों को नजदीक से महसूस किया है। ये शिक्षक बताते है की पैसों के अभाव के कारण हमें बड़े बड़े शैक्षणिक संस्थानों में पढने का सौभाग्य नहीं मिला। ये जरूरतमंद स्टूडेंट्स के सपने को पंख दे रहे जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है, जो आज के समय के कोचिंग की लाखों फी देने में सक्षम नहीं है परन्तु उनका सपना बड़ा है।
बता दें कि आनंद कुमार सुपर 30 नामक संस्था चलाते है जो 30 आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को हर साल निःशुल्क शिक्षा देकर आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफ़लता दिलाते हैं। जबकी आरके श्रीवास्तव सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर गणित का गुर सिखाते है।
ये दोनों शिक्षक आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी,बीसीईसीई,एनडीए सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों मे दाखिला दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके है। आरके श्रीवास्तव के कबाड़ की जुगाड़ से प्रैटिकल कर गणित पढ़ाने का तरीका और नाइट क्लासेज अभियान( लगातार 12 घंटे पूरी रात गणित पढ़ाना) पूरे देश में चर्चा का विषय है । इस वजह से आरके श्रीवास्तव का नाम, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज हैं ।
मां के संघर्षों ने बनाया मैथेमैटिक्स गुरू
आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां जयंती देवी और आरती देवी को देते है । निश्चित रूप से आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव को देश का वर्तमान में सबसे बड़ा शिक्षक माना सकता है। जो हिन्दूस्तान को विश्व गुरू बनाने में अपना योगदान नि:स्वार्थ दे रहे हैं।
आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव के पढ़ाने के तरीके और उनके बातों को कहीं भी सुन लें। तब समझ आ जाएगा कि वे अपनी स्टूडेंट्स की सफ़लता को लेकर कितने गंभीर रहते हैं। वे हमेशा जीतने वाले छोङते नहीं और छोड़ने वाले जीतते नही, जैसी बातें अपने स्टूडेंट्स को बताते हैं।
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एक पर बनी फिल्म तो दूसरे की राष्ट्रपति ने की तारीफ
आनंद कुमार की जीवनी पर बॉलीवुड ने सुपर 30 फिल्म बना है इसमें ऋतिक ने आनंद कुमार के संघर्ष को बखूबी दिखाया। कैसे एक पापड़ बेचने वाले ने सैकड़ों गरीब स्टूडेंटस के सपने को दिया पंख।आनंद कुमार की तरह ही बिहार के आरके श्रीवास्तव की कहानी है।
एक ऑटो रिक्शा वाले आरके श्रीवास्तव ने मैथेमैटिक्स गुरू बन सैकङों निर्धन परिवार के स्टूडेंट्स के सपने को लगा दिया पंख। आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ ऑफ़ रिकॉर्डस लंदन , इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है । रास्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके हैं बिहार के आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके हैं।
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