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एक ANM बनी रोल मॉडल, सौ फीसदी टीकाकरण के लिए किया ऐसा काम
बात मध्यप्रदेश के दानोद इलाके के प्रसूति सहायिका नर्स (एएनएम) रीता चौहान की हो रही है। रीता ने 'हौसला, हुनर और बुलंदियां' इस कहावत को सच साबित कर दिखाया।
लखनऊ। हौसला हो तो हुनर बुलंदियां छू सकता है। बात मध्यप्रदेश के दानोद इलाके के प्रसूति सहायिका नर्स (एएनएम) रीता चौहान की हो रही है। रीता ने 'हौसला, हुनर और बुलंदियां' इस कहावत को सच साबित कर दिखाया। उन्होंने दानोद गांव में अपनी तैनाती के बाद अस्पतालों में प्रसव कराने और सौ फीसदी टीकाकरण के लिए जो रास्ता अख्तियार किया, उसे मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य महकमा पूरे प्रदेश में लागू करने जा रहा है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रीता के आइडिया पर बनी गो-किट को राज्य भर में पहुंचाने की ठानी है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस आइडिया को पूरे देश में लागू करने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा है। रीता और उनके गो-किट के आइडिया पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी है।
जरूरत के सामान की पोटली बना देतीं हैं घर-घर
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रीता ने इस गरीब और आदिवासी बहुल्य इलाके वाले गांव की महिलाओं के गर्भवती होने के बाद से प्रसूति के संभावित तारीख तक का टाडा अपने लैपटॉप पर इकट्ठा किया। प्रसूति के एक माह पहले रीता ने हर महिला के घर पहुंच कर एक पोटली दी। जिसमें बच्चे के जन्म के दौरान काम आने वाले आवश्यक समान के साथ बच्चे के लिए आवश्यक कपड़े, बर्तन, साबून और जरूरी दवाएं तथा कुछ रूपये की होते हैं।
इसे वह गर्भवती महिलाओं तक पहुंचा देतीं हैं। सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए रीता द्वारा बनाई गई इस पोटली को पूरे देश में लागू किये जाने की तैयारी हो रही है। रीता जिस दानोद गांव में तैनात हैं, वह भौगोलिक रूप से बहुत कठिन और पहाड़ों से घिरा हुआ है। जहां सुरक्षित प्रसव एक बहुत बड़ा चैलेंज हुआ करता था।
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लेकिन आज रीता के प्रयासों से इस इलाके में शत-प्रतिशत टीकाकरण और ९५ फीसदी सुरक्षित प्रसव होता है।