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Mission 2024: यूपी में अपना दल की दो से ज्यादा सीटों पर नजर,नड्डा से मुलाकात में अनुप्रिया पटेल ने रखी मांग
Mission 2024: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 2014 और 2019 के चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद एनडीए लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की कोशिश में जुटा हुआ है।
Mission 2024: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 2014 और 2019 के चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद एनडीए लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की कोशिश में जुटा हुआ है। भाजपा की अगुवाई वाले इस गठबंधन की निगाह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश पर है। भाजपा उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है मगर इस बार सहयोगी दलों की नजर ज्यादा सीटों पर लगी हुई है।
भाजपा ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में अपना दल (एस) को उत्तर प्रदेश में दो सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया था मगर अपना दल की ओर से इस बार दो से ज्यादा सीटों की मांग की जा रही है। इस सिलसिले में अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उनके पति आशीष पटेल भी मौजूद थे। वैसे अभी इस बात का पता नहीं लग सका है कि नड्डा की ओर से अनुप्रिया को क्या आश्वासन दिया गया है।
2014 और 2019 में मिली थीं दो-दो सीटें
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2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल होने वाले अपना दल (एस) को मिर्जापुर और प्रतापगढ़ सीट पर चुनाव लड़ने का मौका दिया गया था। 2014 में अपना दल ने दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अनुप्रिया पटेल को जीत मिली थी जबकि प्रतापगढ़ सीट पर पार्टी के उम्मीदवार हरिवंश सिंह चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अपना दल को मिर्जापुर के साथ सोनभद्र सीट पर चुनाव लड़ने का मौका दिया गया था। 2019 के चुनाव में भी अनुप्रिया जीत हासिल करने में कामयाब रही थीं जबकि सोनभद्र सीट पर पार्टी के उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल को जीत हासिल हुई थी।
अब प्रतापगढ़ सीट पर भी अनुप्रिया की नजर
जानकार सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना दल की ओर से दो से ज्यादा सीटों की मांग की जा रही है। पार्टी ने मिर्जापुर और सोनभद्र के अलावा प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर भी निगाहें लगा रखी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रतापगढ़ संसदीय सीट से संगम लाल गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया था और वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। अब अपना दल (एस) की ओर से इस सीट की भी मांग की जा रही है।
अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल का ताल्लुक प्रतापगढ़ जिले से ही है। जिले की विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से अपना दल (एस) के जीत लाल पटेल विधायक चुने गए थे। जिले की मांधाता नगर पंचायत सीट पर भी पार्टी उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी। प्रतापगढ़ जिला पंचायत में भी पार्टी उम्मीदवार को कामयाबी मिली थी। ऐसे में अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर और सोनभद्र के अलावा प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर भी दावेदारी ठोक रही हैं।
दबाव बनाने में जुटे हैं सहयोगी दल
वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से सहयोगी दलों की मांग को कहां तक पूरा किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात के दौरान अभी अनुप्रिया पटेल को कोई आश्वासन नहीं मिला है। पिछले दिनों निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने भी नड्डा से मुलाकात करके इस बार अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके बेटे प्रवीण निषाद ने भाजपा के चुनाव निशान पर संत कबीर नगर सीट पर जीत हासिल की थी।
सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी अब एनडीए में शामिल हो गए हैं और वे भी पूर्वांचल की कुछ सीटों पर दावेदारी ठोकने में जुटे हुए हैं। ऐसे में भाजपा की ओर से सभी सहयोगी दलों की मांगों को पूरा कर पाना काफी मुश्किल माना जा रहा है। भाजपा नेताओं की ओर से उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा जरूर किया जा रहा है मगर चुनाव के दौरान सीटों का बंटवारा पार्टी नेतृत्व के लिए काफी मुश्किलों भरा माना जा रहा है। चुनाव नजदीक आने पर सहयोगी दलों की ओर से और दबाव बढ़ाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।