TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mission 2024: क्या अब विपक्षी गठबंधन के दूल्हा बनेंगे राहुल गांधी! कांग्रेस बना सकती है दबाव,मुंबई बैठक में चर्चा संभव

Mission 2024: सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। हालांकि अभी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी मगर 2024 में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का रास्ता जरूर साफ हो गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 5 Aug 2023 1:22 PM IST
Mission 2024: क्या अब विपक्षी गठबंधन के दूल्हा बनेंगे राहुल गांधी! कांग्रेस बना सकती है दबाव,मुंबई बैठक में चर्चा संभव
X
Rahul Gandhi Birthday (photo: social media )

Mission 2024: मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सियासी जीवन को नई संजीवनी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। हालांकि अभी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी मगर 2024 में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का रास्ता जरूर साफ हो गया है। इसके साथ ही राहुल गांधी की सांसदी भी जल्द ही बहाल हो जाएगी। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से जीत हासिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में भी हलचल तेज होती दिख रही है। पटना और बेंगलुरु के बाद अब विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक मुंबई में होने वाली है। सियासी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को पीएम पद का फेस बनाने की दिशा में दबाव बढ़ाया जा सकता है। गुजरात हाईकोर्ट की ओर से राहुल गांधी की सजा बरकरार रखे जाने के बाद कांग्रेस अभी तक इस दिशा में दबाव नहीं डाल रही थी मगर अब कांग्रेस के सुर बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

बेंगलुरु बैठक में खड़गे ने दिया था बयान

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए विपक्षी दल एक मंच पर इकट्ठा हो गए हैं। विपक्षी दलों की दो राउंड की बैठक हो चुकी है। पटना और बेंगलुरु में हुई इन बैठकों के दौरान विपक्षी नेताओं ने अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को हराने का भरोसा जताया। बेंगलुरु में हुई बैठक के दौरान ही विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम इंडिया रखे जाने पर सहमति बनी थी।

हालांकि बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनकी पार्टी को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई भी दिलचस्पी नहीं है। उनका कहना था कि विपक्ष के नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं ताकि उनके सामने कानूनी अड़चनें पैदा की जा सकें। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग, सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल हमारे सांसदों को सस्पेंड करने के लिए किया जा रहा है।

फैसले के बाद बदल गए सियासी हालात

वैसे खड़गे ने जिस वक्त यह बयान दिया था उस स्थितियां दूसरी थीं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने के साथ उनके अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता भी पूरी तरह साफ हो गया है। गुजरात हाईकोर्ट से राहुल गांधी को राहत न मिलने के कारण कांग्रेस की ओर से पीएम पद को लेकर ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही थी। पूर्व में पीएम पद के लिए राहुल गांधी का नाम उछालने वाले कांग्रेसी नेता भी खामोश बैठे हुए थे मगर अब कांग्रेस के सुर भी बदलने की संभावना काफी बढ़ गई है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। फैसले के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान की जीत हुई है और सत्यमेव जयते पर एक बार फिर मुहर लगी है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने बहुत संक्षिप्त में अपनी बातें रखते हुए कहा कि वे आगे की लड़ाई के लिए स्पष्ट सोच रखते हैं।

पीएम मोदी को सीधी चुनौती दे रहे हैं राहुल

राहुल गांधी लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस की ओर से भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के कद के बराबर का नेता बताया जाता रहा है। विपक्षी गठबंधन के एक नेता ने कहा कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगने के बाद अब कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन को भी नहीं मजबूती मिलेगी। विपक्षी एकता मजबूत होने के साथ ही आक्रामकता भी बढ़ेगी। भाजपा के खिलाफ राहुल गांधी हमेशा मजबूत आवाज रहे हैं।
अब मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक के दौरान संयोजक की नियुक्ति के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया जाना है। गठबंधन के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी इस बैठक के दौरान चर्चा की जा सकती है। माना जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन के संयोजक का पद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मिल जाएगा मगर गठबंधन का दूल्हा कौन होगा, यह सवाल फिर भी बना रहेगा।

लालू ने किया था दूल्हा बनने का अनुरोध

विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक के दौरान राजद मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी से कहा था कि आप दूल्हा बनिए। हम सभी बाराती बनने के लिए तैयार हैं। लालू के इस बयान को दो अर्थों में लिया गया था।

पहली बात तो यह कि राहुल गांधी अभी तक कुंवारे हैं तो लालू ने उनसे जल्द से जल्द शादी करने का अनुरोध किया था। दूसरी बात यह कि लालू यादव ने उन्हें विपक्षी एकता का दूल्हा बनने को कहा था। लालू के बयान में छुपा यह संदेश बाद में सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया था।

फैसले के बाद लालू से राहुल की विस्तृत चर्चा

मजे की बात यह है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी लालू यादव से मुलाकात करने के लिए मीसा भारती के आवास पर पहुंचे। इस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इस दौरान लालू यादव ने विपक्षी गठबंधन को मजबूत बनाने पर चर्चा के साथ ही राहुल गांधी को अपने हाथों से बना हुआ चंपारण मटन खिलाया। उन्होंने राहुल गांधी को चंपारण मटन की रेसिपी भी सिखाई। राहुल गांधी की यह मुलाकात सियासी नजरिए से भी काफी अहम मानी जा रही है।

माना जा रहा है कि लालू यादव की राहुल के दूल्हा बनने की भविष्यवाणी आने वाले दिनों में सच साबित हो सकती है। हालांकि कांग्रेस इस मामले में अभी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है मगर इतना तय है कि आने वाले दिनों में पार्टी की ओर से इस बाबत दबाव बढ़ाया जा सकता है। बेंगलुरु की बैठक से ही कांग्रेस ने विपक्षी एकता की ड्राइविंग सीट हथिया ली है और आने वाले दिनों में इसका नतीजा दिखने की प्रबल संभावना है।



\
Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

Next Story