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पाकिस्तान पर बड़ा बयान, सेना रोजाना कर रही इसका सामना
दुनिया इस समय घातक हथियारों के प्रसार और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के बजाय ताकत पर जोर देने जैसी अन्य चुनौतियों का सामना कर रही है। पश्चिम एशिया में अस्थिरता से अधिकतर देशों की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी।
नई दिल्ली: पांच दिन के मालदीव दौरे पर गए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में रोजाना एक ऐसे युद्ध का सामना कर रही है जो जबरदस्ती वहां के सैनकों को उनके ऊपर थोपा जाता है। पड़ोसी देशों से पैदा खतरों का मुकाबला करने को सैन्य क्षमता हासिल करना भारत का अधिकार है।
लेकिन रावत ने इस बात पर भी जोर देकर कहा कि भारत की महत्वाकांक्षा अपनी सीमा के बाहर जाने की नहीं है और न ही वह अपनी विचारधारा किसी पर थोपना चाहता है। एक उभरती ताकत के रूप में भारत अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के दायित्वों का पालन करता रहेगा।
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मालदीव दौरे पर गए सेना प्रमुख ने रविवार को रणनीतिक विशेषज्ञों और रक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि एशिया की स्थिरता से वैश्विक तनाव और अशांति बढ़ेगी। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चिंताजनक है।
आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती
उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया इस समय घातक हथियारों के प्रसार और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के बजाय ताकत पर जोर देने जैसी अन्य चुनौतियों का सामना कर रही है। पश्चिम एशिया में अस्थिरता से अधिकतर देशों की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी। अगर हम मित्र देशों के साथ मिलकर काम करें तो क्षेत्रीय शांति का खतरा उत्पन्न करने वालों को निष्क्रिय कर सकते हैं।
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हिंद महासागर दोनों देशों की जीवनरेखा
जनरल रावत ने समुद्र की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा, हिंद महासागर के व्यापारिक मार्ग में किसी भी तरह की बाधा भारत और मालदीव दोनों के लिए चुनौती पैदा करेगी।
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हिंद महासागर दोनों देशों की जीवनरेखा है। रावत ने कहा कि हमने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक भूमिका निभाई है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए आंतरिक और बाहरी स्तर पर अनुकूल माहौल बनाना है ताकि हम सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें और उभरती हुई विश्व व्यवस्था में अनुकूल स्थान पा सके।