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कैलाश मानसरोवर लिंक रोड पर नेपाल का विरोध, आर्मी चीफ ने दिया ये बड़ा बयान

भारत ने कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का उद्घाटन किया है। इस लिंक रोड का नेपाल ने विराध किया है। नेपाल ने कहा था कि यह कदम दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है।

Dharmendra kumar
Published on: 15 May 2020 4:09 PM GMT
कैलाश मानसरोवर लिंक रोड पर नेपाल का विरोध, आर्मी चीफ ने दिया ये बड़ा बयान
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नई दिल्ली: भारत ने कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का उद्घाटन किया है। इस लिंक रोड का नेपाल ने विराध किया है। नेपाल ने कहा था कि यह कदम दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है। कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़-धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम उद्घाटन किया था।

अब इस मामले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बयान दिया है। सेना प्रमुख ने संकेत दिया है कि मानसरोवर के रास्ते पर लिपुलेख पास पर बन रही सड़क का विरोध नेपाल चीन के समर्थन पर कर रहा है।

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आर्मी चीफ ने यह बात शुक्रवार को रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के एक कार्यक्रम में कही। आर्मी चीफ ने वहां कहा कि यह मानने की वजह है कि उन्होंने किसी और के इशारे पर इस बात को उठाया होगा। इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है। उन्होंने आगे कहा कि हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिम में है और नदी के पूर्व की जमीन उन लोगों की है। उसमें कोई विवाद ही नहीं है। वो लोग नहीं जानते कि वे किस बार में आंदोलन कर रहे हैं।

आर्मी चीफ ने आगे कहा कि अगर हम वहां से थोड़ा आगे बढ़ते हैं और जहां त्रिकोणी जंक्शन है वहां पहुंचते हैं तो वहां जरूर कुछ छोटी दिक्कतें हैं, अतीत में ऐसी कोई दिक्कत कभी नहीं हुई है। आर्मी चीफ ने इस दौरान चीन के साथ जारी तनातनी को लेकर कहा कि यह केवल एक या दो जगह है जहां ऐसा हुआ है, अन्य जगहों पर सबकुछ सामान्य है। हम इसे केस टू केस बेसिस पर निपटा रहे हैं।

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यह है पूरा मामला

10 मई को नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने नेपाली संसद में कहा था कि भारत की तरफ से नेपाल के क्षेत्र से होकर लिपुलेख दर्रे तक लिंक रोड का निर्माण दुर्भाग्यपूर्ण है। नेपाल की संसदीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने कहा था, "यह सड़क निर्माण दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है और बातचीत के माध्यम से सीमा से संबंधित मुद्दों का हल खोजा जाएगा।

ग्यावली ने विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान को पढ़ते हुए दावा किया था कि लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र नेपाल के क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और भारत के साथ बातचीत के माध्यम से इसे हल किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि नेपाल सरकार संप्रभु समानता के सिद्धांत और राष्ट्र हित को केंद्र में रखकर भारत के साथ सीमा विवादों को हल करना चाहती है।

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भारत ने दी ये प्रतिक्रिया

नेपाल के विरोध पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हमने सड़क के उद्घाटन से संबंधित नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 9 मई 2020 की प्रेस विज्ञप्ति को देखा है। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में हाल ही में उद्घाटन की गई सड़क खंड पूरी तरह से भारत के क्षेत्र में स्थित है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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