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अर्नब की सुप्रीम जमानत: हर तरफ खुशी की लहर, पूरे देश में मच गया शोर

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति वाई चंद्रचूड़ व इंद्राणी बनर्जी की अदालत में बुधवार को लगभग पांच घंटे की जबरदस्त सुनवाई के बाद अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत मिल सकी है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहले ही इस मामले में कैविएट लगाई गई थी।

Newstrack
Published on: 11 Nov 2020 11:12 AM GMT
अर्नब की सुप्रीम जमानत: हर तरफ खुशी की लहर, पूरे देश में मच गया शोर
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अर्नब की सुप्रीम जमानत: हर तरफ खुशी की लहर, पूरे देश में मच गया शोर

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या मामले में जेल भेजे गए रिपब्लिक भारत के सीईओ व एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। बुधवार को लगभग पूरे दिन चली सुनवाई के बाद देर शाम सवा चार बजे सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को मंजूरी दी है।

पांच घंटे की जबरदस्त सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति वाई चंद्रचूड़ व इंद्राणी बनर्जी की अदालत में बुधवार को लगभग पांच घंटे की जबरदस्त सुनवाई के बाद अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत मिल सकी है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहले ही इस मामले में कैविएट लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस को आदेश दिया है कि वह अंतरिम जमानत की औपचारिकता पूरी करने पर अर्नब को रिहा कर दे। सुप्रीम कोर्ट में अर्नब व दो अन्य आरोपितों फिरोज व नीतीश सारदा की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी। अर्नब की ओर से मामले में पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हमें हाईकोर्ट को संदेश देना ही होगा। आज हस्तक्षेप करना जरूरी ।

दोबारा जांच का आदेश ही पूरी तरह गलत है

हम व्यक्तिगत आजादी की बात कर रहे हैं। तकनीकी खामियों के आधार पर जमानत से इनकार नहीं किया जाना चाहिए। यह कोई आतंकवाद का मामला नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है, सरकार को इन सबको अनदेखा करना चाहिए। अगर संवैधानिक अदालत हस्तक्षेप नहीं करती तो हम निश्चित रूप से विनाश की राह पर चल रहे हैं। हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि जब मामले की जांच में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई तो उसे दोबारा खोलना बेहद खतरनाक परंपरा है। दोबारा जांच का आदेश ही पूरी तरह गलत है।

arnab goswami- trp scandal-harish salwe

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क्या है मामला

महाराष्ट्र पुलिस ने अर्नब गोस्वामी व दो अन्य लोगों के खिलाफ आत्महत्या के दो साल पुराने मामले में कार्रवाई की है। इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी बूढ़ी मां ने दो साल पहले आत्महत्या कर ली है। अपने सुसाइड नोट में नाइक ने कहा कि अर्नब गोस्वामी, फिरोज व नीतीश सारदा ने उनके साढ़े पांच करोड़ रुपये हड़प लिए है। स्टूडियो का निर्माण कराने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं दिया। इस वजह से वह दोनों आत्महत्या कर रहे हैं। इस मामले की जांच देवेंद्र फडनवीस सरकार के समय में हुई लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

अब उद्धव ठाकरे सरकार ने दो साल पुराने इस मामले में अन्वय नाइक के परिवारजनों की अर्जी पर दोबारा जांच शुरू करा दी और अर्नब को पुलिस ने पकडक़र जेल भेज दिया। इस मामले में बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को जमानत याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि जमानत के लिए पहले निचली अदालत में अपील की जानी चाहिए। इसके बाद अर्नब व दो अन्य आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जमानत मंजूर कर ली।

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