TRENDING TAGS :
Article 370 Hearing Update: सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 पर सुनवाई का आज 12वां दिन, केंद्र सरकार रख रही अपनी दलील
Article 370 Hearing Update: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने केंद्र सरकार इस समय अपनी दलीलें पेश कर रही हैं। इससे पहले कल यानी सोमवार 28 अगस्त को भी केंद्र ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था।
Article 370 Hearing Update: सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। शीर्ष अदालत में सुनवाई का आज यानी मंगलवार 29 अगस्त को 12वां दिन है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने केंद्र सरकार इस समय अपनी दलीलें पेश कर रही हैं। इससे पहले कल यानी सोमवार 28 अगस्त को भी केंद्र ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने बताया कि फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इसी हमले के बाद केंद्र को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे पूरी तरह भारतीय गणराज्य में मिलाने के बारे में सोचना पड़ा।
मेहता ने कहा कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में कई कानून लागू नहीं हो पाते थे। शिक्षा के अधिकार जैसे कानून जो कि पूरे देश में लागू हैं, आर्टिकल 370 की वजह से यहां नहीं लागू हो पाए थे। एसजी ने अनुच्छेद 370 हटाने के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को देश के बाकी लोगों की तरह सामान अवसर मिल रहा है।
इस प्रावधान के हटने से यहां अब केंद्र के कानून लागू हो रहे हैं। उद्योगपति और कारोबारी जम्मू कश्मीर में निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं। टूरिज्म उद्योग भी बढ़ने लगा है। पहले वहां उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राज्य के संविधान की शपथ लेते थे। अब उनपर देश का संविधान लागू करना का दायित्व है।
35ए पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
जम्मू कश्मीर के सियासतदां 35ए की जबरदस्त पैरोकारी करते हैं। वो इसके समर्थन में दलील देते हैं कि इससे कश्मीरियों के हक पर बाहरियों के अतिक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। लेकिन सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 35ए पर जो कुछ कहा, उससे उन्हें जबरदस्त झटका लगा है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35ए के तहत जम्मू कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे।
मगर इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए। इस आर्टिकल की वजह से अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में नौकरी करने, जमीन खरीदने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ है। बता दें कि 35ए के तहत अगर कोई कश्मीरी लड़की किसी बाहरी व्यक्ति से शादी करती है तो पिता की संपत्ति पर उसका अधिकार स्वतः समाप्त हो जाता था। वहीं, अगर कोई कश्मीरी लड़का किसी बाहरी लड़की से शादी करता था तो इससे उसके पैतृक संपत्ति के अधिकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता था। इसलिए इस आर्टिकल को लैंगिक रूप से भेदभावपूर्ण माना जाता था।
पांच जजों की बेंच कर रही है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 से जुड़ी कई याचिकाओं पर पांच जजों की संविधान पीठ एकसाथ सुनवाई कर रही है। इस पीठ की अगुवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।