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सिर्फ एक वोटर के लिए पूरे दिन पैदल चलते हैं चुनाव आयोग के अधिकारी
देशभर में चुनाव सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए चुनाव आयोग को कई मुश्किल हालातों को सामना करना पड़ता है। पहाड़ी राज्य अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिला में एक गांव है जहां सिर्फ एक वोटर है और उसका मतदान करवाने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी और उन्हें दुर्गम रास्तों पर पूरा एक दिन पैदल चलना पड़ता है।
लखनऊ: भारत के लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी खूबी है कि यहां एक-एक वोट कीमती है। देशभर में चुनाव सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए चुनाव आयोग को कई मुश्किल हालातों को सामना करना पड़ता है। पहाड़ी राज्य अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिला में एक गांव है जहां सिर्फ एक वोटर है और उसका मतदान करवाने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी और उन्हें दुर्गम रास्तों पर पूरा एक दिन पैदल चलना पड़ता है।
जिसकी हम बात कर रहे हैं उस मतदाता का नाम सोकेला टयांग है। वह अंजॉ जिले के मालोगम गांव में अपने बच्चों और पति के साथ रहती हैं।
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यह क्षेत्र हेलिलयांग विधानसभा में आता है। मालोगम गांव में सोकेला के अलावा कुछ और परिवार भी रहते हैं, लेकिन 39 साल की सोकेला के अलावा बाकी सभी मतदाताओं ने खुद को दूसरे पोलिंग स्टेशन्स पर रजिस्टर करवा लिया है।
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राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि 2014 के चुनाव में वहां दो वोटर्स थे, लेकिन फिर सोकेला के पति जेनेलम तैयांग ने अपना नाम दूसरे बूथ पर रजिस्टर करवा लिया।
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अधिकारी ने बताया कि जिस इलाके में सोकेला रहती हैं वहां गाड़ी आदि नहीं जा सकती इसलिए पैदल जाना पड़ता है। इस सफर को पूरा करने में पोलिंग पार्टी को पूरा एक दिन लग जाता है। इतना ही नहीं उन्हें पोलिंग स्टेशन को सुबह 7 से शाम 5 बजे तक खोलकर रखना पड़ता है। किसी को नहीं पता होता कि वह वोट डालने कब आएंगी। अधिकारी कहते हैं कि किसी को उनका वोट जल्दी डालने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।