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असम में कांग्रेस को चुनावी जीत के लिए इन 5 गारंटी का सहारा

कांग्रेस को उम्मीद है कि तीस लाख नौकरी और गृहणी सम्मान निधि का वादा चुनावी जीत का औजार साबित होगा। चूंकि बेरोजगारी एक बड़ा मसला है सो कांग्रेस ने अभी से ही सरकारी नौकरी वेबसाइट बना दी है।

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Published on: 19 March 2021 4:21 PM GMT
असम में कांग्रेस को चुनावी जीत के लिए इन 5 गारंटी का सहारा
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असम में भाजपा से सत्ता छीनने के कांग्रेस ने जोर लगा रखा है और इस कोशिश को पुख्ता करने के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है।

नीलमणि लाल

लखनऊ। असम में भाजपा से सत्ता छीनने के कांग्रेस ने जोर लगा रखा है और इस कोशिश को पुख्ता करने के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है।

राज्य में कांग्रेस का पूरा प्रचार 'पांच गारंटी' के इर्द गिर्द चल रहा है। पार्टी ने जनता को गारंटी दी है कि सत्ता में आने पर ये 5 काम किये जाएंगे। मुफ्त बिजली, महिला पेंशन और रोजगार के वादे इसमें शामिल हैं। मुफ्त बिजली का वादा तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार से कॉपी किया गया है।

बहरहाल, ये पांच गारंटी इस प्रकार हैं-

-नागरिकता संशोधन कानून को लागू ना करना।

-पांच सालों में पांच लाख सरकारी नौकरियां और निजी क्षेत्र में 25 लाख नौकरियों का सृजन।

-चाय बागानों के कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी 365 रुपये देना।

-राज्य में सबके लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली।

-सभी महिलाओं के लिए 2000 रुपए तक की गृहणी सम्मान पेंशन।

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कांग्रेस को उम्मीद है कि तीस लाख नौकरी और गृहणी सम्मान निधि का वादा चुनावी जीत का औजार साबित होगा। चूंकि बेरोजगारी एक बड़ा मसला है सो कांग्रेस ने अभी से ही सरकारी नौकरी वेबसाइट बना दी है।

पार्टी के अनुसार, सवा लाख युवा अब तक नौकरी वाली वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। गृहणी सम्मान निधि में 14 हजार करोड़ का खर्च आएगा। कांग्रेस के मुताबिक 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने में सरकार पर 4 हजार करोड़ का खर्च होगा और इससे असम के हर परिवार को 1400 रुपए प्रति माह की बचत होगी।

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इन 5 गारंटियों के अलावा चाय उद्योग के लिए अलग मंत्रालय बनाने, मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक और छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा देने का वादा भी किया जा सकता है।

असम में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की 15 सालों की तरुण गोगोई सरकार को पराजित किया और सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री बने।

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