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पृथ्वी के बगल से गुजरा उल्कापिंड, इन एस्टेरॉयड ने पृथ्वी पर किए विशालकाय गड्ढे

बुधवार यानि 29 अप्रैल की रात को उल्‍कापिंड बगैर किसी आहट के पृथ्‍वी के काफी करीब से गया। एस्टेरॉयड 1998 OR2 बुधवार की रात भारतीय समयानुसार 3 बजकर 26 मिनट पर धरती के बगल से गुजरा।

Shreya
Published on: 30 April 2020 2:22 PM IST
पृथ्वी के बगल से गुजरा उल्कापिंड, इन एस्टेरॉयड ने पृथ्वी पर किए विशालकाय गड्ढे
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नई दिल्ली: बुधवार यानि 29 अप्रैल की रात को उल्‍कापिंड बगैर किसी आहट के पृथ्‍वी के काफी करीब से गया। एस्टेरॉयड 1998 OR2 बुधवार की रात भारतीय समयानुसार 3 बजकर 26 मिनट पर धरती के बगल से गुजरा। हांलाकि पिछले कई दिनों से जिस उल्का पिंड को पृथ्वी के लिए एक भारी खतरा माना जा रहा था, वह बिल्कुल आराम से गुजर पृथ्वी के बगल से गुरज गया और इससे पृथ्‍वी के किसी हिस्‍से को कोई नुकसान नहीं हुआ।

खतरनाक उल्‍कापिंडों में से एक

इस बारे में दक्षिण अफ्रीका की ऑब्‍जर्वेटरी ने पुष्‍टि भी की है। ऑब्‍जर्वेटरी की तरफ से किए गए ट्वीट में बताया गया है कि, कुछ मिनट पहले 11:56 SAST पर एस्टेरॉयड 1998 OR2 गुजरा। यह सबसे बड़ा संभावित खतरनाक उल्‍कापिंडों में से एक है।



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उल्कापिंड ने धरती पर किए हैं कई बड़े-बड़े गड्ढे

इस एस्टेरॉयड से तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन धरती पर कई एस्टेरॉयड्स टकराए है, जिनकी वजह से धरती के कई जगहों पर बहुत बड़े गड्ढे बने हैं। जिन्हें क्रेटर कहा जाता है। कुछ गड्ढों के आकार तो इतने बड़े है कि उनका नक्शा अंतरिक्ष जाकर ही तैयार करना पड़ता है। इनमें से कुछ में घाटियां बन चुकी हैं तो कुछ में शहर तक बस गए हैं। पृथ्वी पर अब तक 190 क्रेटर्स होने की जानकारी है। जिन्हें वैज्ञानिकों द्वारा उम्र के आधार पर बांटा गया है। तो चलिए आपको दुनिया के कुछ बड़े क्रेटर्स के बारे में बताते हैं जो कि उल्कापिंड के टकराने से बने हैं।

लोनार क्रेटर

एक ऐसा ही क्रेटर भारत के महाराष्ट्र में भी स्थित है। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में मौजूद क्रेटर को लोनार क्रेटर कहा जाता है। ये 1.13 वर्ग किलोमीर क्षेत्रफल में फैला है और 490 फीट तक गहरा है। इसका व्यास यानि Diameter करीब 1.80 किलोमीटर है। मौजूदा समय मे यहां पर एक झील है। इस क्रेटर के बारे में कहा जाता है कि यह 5.70 लाख साल पुराना है।

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व्रेडेफोर्ट क्रेटर

दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर दक्षिण अफ्रीका के फ्री स्टेट में मौजूद है। इसका Diameter करीब 380 किलोमीटर का है। साल 2005 में इसे यूनेस्को की तरफ से वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था। यह क्रेटर करीब 200 करोड़ साल पुराना माना जाता है।

चिक्सूलुब क्रेटर

यह क्रेटर आकार के मामले में दूसरे नंबर पर है, जो कि मेक्सिको के यूकाटन में स्थित है। इसका व्यास 300 किलोमीटर का है। बता दें कि डायनासोर प्रजाति का अंत होने के पीछे इस क्रेटर के सबड़े बड़ा कारण माना जाता है। यह करीब 6.50 करोड़ साल पुराना है।

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सडबरी बेसिन

यह भी दुनिया के सबसे पुराने क्रेटर्स में से एक है, जिसकी उम्र करीब 180 करोड़ साल है। यह कनाडा के ओंटारियों में स्थित है। इसका व्यास 130 किलोमीटर है। यह क्रेटर अब पूरी तरह से घाटी बन चुका है।

एक्रामैन क्रेटर

यह क्रेटर ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी इलाके में स्थित है, इसकी उम्र 58 करोड़ साल बताई जाती है। इसका डायमीटर 90 किलोमीटर है। अब यह क्रेटर एक बड़ी सी झील बन गई है।

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