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Atal Bihari Vajpayee: जब अटल जी ने कहा था, राजीव गांधी के कारण मैं जिंदा हूं, बताई थी अपनी दोस्ती की कहानी

Atal Bihari Vajpayee: राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। जब उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के किडनी की समस्या का पता चला तो उन्होंने उन्हें इलाज के लिए अमेरिका भेजा और अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वाजपेयी इलाज पूरा करने के बाद ही लौटें।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 25 Dec 2024 11:39 AM IST
Atal Bihari Vajpayee and Rajiv Gandhi
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 Atal Bihari Vajpayee and Rajiv Gandhi (Pic:Social Media)

Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी किताबअटल बिहारी वाजपेयी भारत के एक ऐसे नेता थे जिन्हें क्या अपने और क्या विरोधी सभी सम्मान और आदर देते थे। अटल जी का अंदाज भी निराला था। जब वे सदन में अपनी बात रखते थे तो सदन उन्हें शांत होकर सुनता था उनके बोलने का अंदाज ऐसा होता था कि हर कोई उनका कायल हो जाता था। विरोधियों पर वे निशाना भी ऐसे साधते थे जैसे मानों उन्हें अपना समझ कर डांट और समझा रहे हों। अटल जी का स्वभाव ही ऐसा था कि विरोधी भी उनके दोस्त बन जाते थे। आज यानी 25 दिसंबर है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है। इस बार उनकी 100वीं जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है और इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

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इसके बाद भी दोनों कद्दावर नेताओं के बीच मजबूत संबंध बने रहे

इस मौके पर उन्हें राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके समाधि स्थल जाकर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में ये कहा जाता है कि उन्हें अपने तो अपने विरोधी भी सम्मान देते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी अटल बिहारी वाजपेयी से काफी स्नेह रखते थे। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी को वैसे तो आम तौर पर संसद में भाजपा नेताओं के खिलाफ तीखे हमले के लिए जाना जाता था, लेकिन वह भी अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति काफी विनम्र रहे और उनके लिए स्नेह रखते थे।

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दोनों में अच्छी मित्रता थी। राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती आदर्श बन कर आई जो आज की राजनीति में शायद ही संभव है। दोनों के बीच राजनीतिक मतभेद चाहे जितने भी रहें हो इसके बाद भी दोनों कद्दावर नेताओं के बीच मजबूत संबंध बने रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी किताब "The Untold Vajpayee: Politician and Paradox" में राजीव गांधी के साथ उनकी दोस्ती का जिक्र किया था।


यह इलाज ही मुझे जिंदा रखने का कारण बना

अपनी किताब में वाजपेयी ने इस बात का खुलासा किया कि किस तरह राजीव गांधी ने उनकी मदद की। अटल जी को किडनी की बीमारी थी जब उस समय प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी को इसका पता चला तो उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को इसके इलाज के लिए अमेरिका भेजा जहां उनका इलाज हुआ। वाजपेयी ने अपनी किताब में बताया है कि राजीव गांधी को जैसे ही मेरे किडनी की समस्या का पता चला, उन्होंने मुझे अपने कार्यालय बुलाया और कहा कि वह मुझे संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) के भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करेंगे ताकि मैं इसका लाभ उठाकर अपना इलाज करवा सकूं। मैं न्यूयॉर्क गया और यह इलाज ही मुझे जिंदा रखने का कारण बना।

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अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि...

राजीव गांधी 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी इलाज पूरा करने के बाद ही वापस लौटें। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे। इस घटना कर जिक्र 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में जिक्र किया था। वाजपेयी ने कहा कि हालांकि वह राजीव गांधी के विरोधी थे, लेकिन वह कभी भी उनसे इस तरह बात नहीं कर सकते थे जैसे एक सामान्य राजनीतिक प्रतिद्वंदी से बात की जाती है। उन्होंने केवल यह साझा किया कि राजीव गांधी ने उनके लिए क्या किया। अटल बिहारी आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार, उनके आदर्श और उनकी सोच आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।



Ashish Kumar Pandey

Ashish Kumar Pandey

Senior Content Writer

I have 17 years of work experience in the field of Journalism (Newspaper & Digital). Started my journalism career on 1 April 2005 as a sub-editor from Dainik Bhaskar Jaipur. After that, on January 1, 2008, I worked as a sub editor in I- Next News Paper (Hindi Daily) till July 31, 2009. During this I handled the responsibility of the National Desk. From August 1, 2009 to September 13, 2010, worked in Amar Ujala on National Desk and City Desk in Bareilly and Moradabad as Senior Sub Editor. From 15 September 2010 to 31 October 2011, worked as Senior Sub Editor/Senior Reporter in Hindustan newspaper Bareilly. From November 1, 2011, worked in Gwalior on the post of Chief Sub Editor in Rajasthan Patrika Hindi daily newspaper. From July 1, 2017 to January 31, 2019, worked in Patrika Dotcom Hindi Web portal, Lucknow. Worked as News Editor in Amrit Prabhat from 1 February 2019 till 31 January 2021. During my career I got opportunity to work at General Desk, Sports, City Desk and have vast experience of journalism business. Whatever responsibilities were given, I accepted it with a challenge and performed it well. My Qualifications : - ‌MA Political Science from Gorakhpur University, Gorakhpur ‌PG Diploma in Mass Communication - Guru Jamveshwar University Hisar, Haryana My Interests: Reading, writing, playing, traveling. Interest in Media: Special interest in political news and also in the field of sports, crime, health etc.

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