फिर हुआ हमला: डॉक्टरों पर टूटी भीड़, मची अफरा-तफरी

केरल के पूनमल्ली हाई रोड पर प्राइवेट हास्पिटल के प्रमुख 55 वर्षीय डॉक्टर के शव को रविवार रात को किलपौक के पास चेन्नई कॉरपोरेशन के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। सड़क पर 200 लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

Vidushi Mishra
Published on: 20 April 2020 11:46 AM GMT
फिर हुआ हमला: डॉक्टरों पर टूटी भीड़, मची अफरा-तफरी
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फिर हुआ हमला: डॉक्टरों पर टूटी भीड़, मची अफरा-तफरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए फ्रंटलाइन में काम कर कोरोना योध्दाओं पर बीते कई दिनों से हमले की घटनाएं रुकने का नाम ही ले रही हैं। कभी पंजाब, कभी मुरादाबाद तो कभी बरेली ऐसे ही तमाम जगहों पर अभ्रदता और हमले की घटनाएं सामने आई हैं। अब ताजा मामला सामने आया है केरल का। यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपनी जान गंवाने वाले न्यूरोसर्जन को जब कुछ लोग दफना रहे थे, जिसमें डॉक्टर भी शामिल थे। उसी समय बड़ी तादाद में भीड़ ने उनपर हमला कर दिया। दफनाएं जा रहे संक्रमित डॉक्टर की निजी अस्पताल में रविवार को मौत हो गई थी।

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सड़क पर 200 लोग इकट्ठा

केरल के पूनमल्ली हाई रोड पर प्राइवेट हास्पिटल के प्रमुख 55 वर्षीय डॉक्टर के शव को रविवार रात को किलपौक के पास चेन्नई कॉरपोरेशन के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। सड़क पर 200 लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस मामले में डॉक्टर प्रदीप कुमार ने कहा, 'चेन्नई नगर निगम के कर्मचारियों ने सभी व्यवस्थाएं की थीं और हमारे साथ निजी अस्पताल से कब्रिस्तान तक आए थे। हालांकि वहां पहुंचने पर हमने पाया कि लगभग 200 लोग वहां इकट्ठा हो चुके थे और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद थी।

कब्रिस्तान में हम बहुत कम लोग मौजूद थे

साथ ही निगम अधिकारियों ने कहा कि हमें अन्ना नगर (वेलांगु) में स्थित कब्रिस्तान जाना चाहिए। हम अन्य कब्रिस्तान पर पहुंचे। नियमों के अनुसार कब्रिस्तान में हम बहुत कम लोग मौजूद थे जिसमें डॉक्टर और परिवार के सदस्य शामिल थे।'

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घटना के बारे में उन्होंने बताया कि, 'अचानक वहां भी 50-60 लोग आ गए और उन्होंने हमपर हमला करना शुरू कर दिया। उन्होंने हमपर पत्थर फेंके और लाठी से मारना शुरू कर दिया। मौके पर करीब सात से आठ निगम कर्मचारी मौजूद थे।

एंबुलेंस के विंडशील्ड को क्षतिग्रस्त

आगे बताते हुए बोले कि हमें हमले से बचने के लिए घटनास्थल से भागना पड़ा। हम में से बहुत से लोगों के शरीर से खून निकल रहा था। हमलावरों ने अस्पताल की एंबुलेंस के विंडशील्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया। हम उसी वाहन से वापस गए।'

वहीं घायल हुए एंबुलेंस ड्राइवर ने कहा कि गवर्नमेंट किलपौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनके सिर में चार टांके लगाए गए हैं। वहीं अन्य साथी के सिर में भी चोट लगी है और छह टांके लगाए गए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पुलिस सुरक्षा में शव को दफना दिया गया है।

आपको बता दें कि इससे पहले लगातार ऐसी तमाम घटनाएं हुई है। इन घटनाओं का खामियाजा उन्हीं को भुगतना पड़ रहा है जो संकट की घड़ी में हमारे लिए मैदान में जंग लड़ रहें हैं।

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