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बाला साहेब को नहीं पसंद था उनका अपना बेटा, बेटे के लिए लिखा था ये शब्द

शिवसेना के जन्मदाता और महाराष्ट्र में प्रमुख पार्टी के रुप में बनाने में बाला साहेब ठाकरे का अहम योगदान था। पब्लिक जीवन में अपने कठोर व तीखे भाषणों से पहचाने जाने वाले बाला साहेब ठाकरे  निजी जीवन में बच्चों के साथ मधुर व्यवहार के हिमायती थे। बच्चों को अनुशासन में लाने के लिए मार-पीट के वो खिलाफ थे।

suman
Published on: 28 Nov 2019 4:04 PM GMT
बाला साहेब को नहीं पसंद था उनका अपना बेटा, बेटे के लिए लिखा था ये शब्द
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मुंबई: शिवसेना के जन्मदाता और महाराष्ट्र में प्रमुख पार्टी के रुप में बनाने में बाला साहेब ठाकरे का अहम योगदान था। पब्लिक जीवन में अपने कठोर व तीखे भाषणों से पहचाने जाने वाले बाला साहेब ठाकरे निजी जीवन में बच्चों के साथ मधुर व्यवहार के हिमायती थे। बच्चों को अनुशासन में लाने के लिए मार-पीट के वो खिलाफ थे। उन्होंने खुद भी की कि उनके अपने बच्चों के साथ बेहतर संबंध रहें। बाला साहेब के तीन बेटे हुए-सबसे बड़े बिंदु माधव, जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे।

बड़े और छोटे बेटे के साथ बाला साहेब के संबंध अच्छे रहे, लेकिन तीसरे बेटे जयदेव ठाकरे के साथ हमेशा तल्खी बनी रही, मृत्यु से पहले दो दशकों तक जयदेव के साथ उनके संबंध कभी मधुर नहीं रहे। बाला साहेब जयदेव से इतने तंग आ गए थे कि उन्होंने एक बार सामना में अपने बेटे के लिए लिखा-वो लड़का एक त्रासदी है।

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खटास की वजह

1990 के शुरुआती समय से बाल ठाकरे और जयदेव के संबंधों में खटास की शुरुआत हो गई थी। जयदेव की पहली शादी जयश्री कलेलकर से हुई थी। जयदेव उस शादी से खुश नहीं थे। परिवार में तनाव जैसे हालात थे। इसी समय जयदेव ने एक बड़ा कदम उठाया और वो जयश्री से अलग हो गए।

इस अलगाव को लेकर बाला साहेब और जयदेव के रिश्तों में आई खटास पूरी जिंदगी चली और ये कडवाहट ज्यादा बढ़ गई, जब जयदेव ने दूसरी पत्नी स्मिता ठाकरे से भी अलग होने का फैसला किया। स्मिता से अलग होने का फैसला भी जयदेव ने कुछ ही सालों के भीतर कर लिया। साल 1995 में बाल ठाकरे की पत्नी मीना की मृत्यु हो गई और बाप-बेटे के संबंधों में तनाव और ज्यादा बढ़ गया। जयदेव ने अपने घर जाना छोड़ दिया. जयदेव ने तीसरी शादी भी की है। तीसरी पत्नी का नाम अनुराधा है। बाला साहेब ठाकरे की मृत्यु साल 2012 में हुई थी. उन्होंने अपनी वसीयत में जयदेव ठाकरे को कुछ नहीं दिया था। हालांकि उन्होंने बहू स्मिता और पोते ऐश्वर्य के नाम पर संपत्ति का हिस्सा छोड़ा था। जयदेव ने आरोप लगाया था कि मरते वक्त बाल ठाकरे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसे लेकर कोर्ट केस भी चला जहां जयदेव ने अजीबोगरीब दावा किया था। उन्होंने अपने बेटे ऐश्वर्य के बारे में कोर्ट में दावा किया था कि वो मेरा बेटा नहीं है. कोर्ट में उन्होंने उद्धव ठाकरे पर भी आरोप लगाया था।

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जयदेव ठाकरे ने एक बार अपने बारे में बताया था कि उन्हें राजनीति में इंटरेस्ट नहीं है। उन्होंने कहा था कि मैं डर्टी पॉलिटिक्स से बेहतर डर्टी पिक्चर देखना पसंद करूंगा. हालांकि पिता के साथ संबंधों पर भी उन्होंने कहा था कि बाल ठाकरे राजनीतिक वारिस उन्हें ही बनाना चाहते थे जयदेव ठाकरे की दूसरी पत्नी स्मिता ठाकरे को बाल ठाकरे ने अपनी संपत्ति में हिस्सा दिया था। जयदेव के साथ बाल ठाकरे के संबंध खराब हो जाने के बावजूद स्मिता ठाकरे ने परिवार के साथ संबंध नहीं बिगाड़े। स्मिता सामाजिक कार्यकर्ता और फिल्म प्रोड्यूसर के तौर पर भी काम करती है। वो राहुल प्रोडक्शन और मुक्ति फाउंडेशन की चेयरमैन हैं. वो महिला सुरक्षा के अलावा एचआईवी के प्रति जागरूकता को लेकर काम करती हैं।

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