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Bank Loan: अब लोन लेने का बदला प्रोसेस, RBI ने किया ऐलान

रिजर्व बैंक ने बैंक लोन लेने पर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत बैंक अब रिटेल लोन देने के लिए और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सीधे सेलिंग एजेंट मतलब की डीएसए नहीं रख पाएंगे।

Vidushi Mishra
Published on: 23 Oct 2019 5:03 AM GMT
Bank Loan: अब लोन लेने का बदला प्रोसेस, RBI ने किया ऐलान
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Bank Loan: अब लोन लेने का बदला प्रोसेस, RBI ने किया ऐलान

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने बैंक लोन लेने पर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत बैंक अब रिटेल लोन देने के लिए और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सीधे सेलिंग एजेंट मतलब की डीएसए नहीं रख पाएंगे। इसका अर्थ यह है कि रिजर्व बैंक ने बैंकों को लोन देने और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जो निजी एजेंट रखने से मना कर दिया है।

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लोन की प्रक्रिया में हुआ बदलाव

सूत्रों से मिली रिपोर्ट में बैंकर्स के हवाले से बताया गया है कि वो चाहते है कि ग्राहकों के लोन लेने से जुड़े सभी काम और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बैंक एंप्लाई ही काम करें।

इसके साथ ही बैंकों के केवाईसी के जरिए ग्राहकों के असली कागजात देखने और उनकी जांच करने का काम बैंक के एंप्लाई के जरिए ही होना चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने ये कदम ग्राहकों की निजता को बनाए रखने के लिए उठाया है।

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रिजर्व बैंक के इस फैसले का कुछ बैंकों ने स्वागत किया है लेकिन कुछ बैंकों का यह मानना है कि इससे बैंकों के ऊपर और ज्यादा जिम्मेदारी आ जाएगी, जिसके चलते लोन देने की प्रक्रिया में देरी होने की संभावना है। लोन लेने की प्रक्रिया किसी ग्राहक के लिए वैसे ही ज्यादा लंबा होती है और रिजर्व बैंक के इस फैसले से बैंकों को लोन की प्रक्रिया करने में और ज्यादा समय लगेगा।

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रिजर्व बैंक इसलिए उठाया कदम

बता दें, बीतें कुछ माह से बैंकिंग सेक्टर में डाटा चोरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने ये कदम उठाया है। इसके साथ ही बैंकों की ऑपरेशनल कॉस्ट भी इससे कम होगी क्योंकि उन्हें इस काम के लिए निजी एजेंट नहीं रखने होंगे।

उपभोक्ता लोन और क्रेडिट कार्ड के बिजनेस के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए निजी एजेंट की सेवाएं ज्यादातर बैंक लेते हैं और इसी के आधार पर बैंकों का कारोबार भी बढ़ता है क्योंकि ग्राहकों को भी इनके जरिए अपना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने में आसानी होती है।

हालांकि ज्यादातर बैंक पर्सनल लोन, कंज्यूमर क्रेडिट और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं के लिए सीधे सेलिंग एजेंट की सेवाएं लेते हैं लेकिन इनके ऊपर रोक लगाने से अब बैंकों के काम पर असर पड़ने की संभावनाएं जताई जा रही है।

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