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बैंक हड़तालः निजीकरण बना फसाद, आने वाले दिन होंगे बदतर, जानें पड़ेगा क्या असर
बैंक कर्मियों की हड़ताल को समर्थन देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि भारत सरकार लाभ निजी हाथों में सौंप कर राष्ट्रीय हितों का नुकसान कर रही है।
रामकृष्ण वाजपेयी
निजीकरण के खिलाफ बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इस हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने किया था। जिसमें नौ बैंक यूनियनें हिस्सा ले रही हैं। हड़ताल में तकरीबन 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। शनिवार- इतवार और सोम- मंगल लगातार चार दिन बैंक बंद रहने से ग्राहकों को जबर्दस्त परेशानी हुई और केवल यूपी में ही 30 हजार करोड़ का लेनदेन ठप रहा। देशव्यापी स्तर पर देखें तो इस हड़ताल से लाखों करोड़ का लेन देन ठप रहा है। हड़ताल में 45 ग्रामीण बैंकों के करीब एक लाख कर्मचारी भी शामिल हैं।
बैंक हड़ताल पर राहुल गांधी का ट्वीट
बैंक कर्मियों की हड़ताल को समर्थन देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि भारत सरकार लाभ निजी हाथों में सौंप कर राष्ट्रीय हितों का नुकसान कर रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों को बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता करना है। मैं हड़ताली बैंक कर्मचारियों के साथ एकजुटता में खड़ा हूं।
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बैंक के अधिकारियों का एलान
यूनियन बैंक के अधिकारियों के एक समूह ने कहा है कि यदि हम सार्वजनिक उपक्रमों और सरकार के बीच नहीं खड़े होंगे तो अंत दूर नहीं है। खतरा दरवाजे पर दस्तक दे रहा है हम कब जागेंगे।
हड़ताल एक शुरुआत है, अब होगा हॉलीडे बैंकिंग का पूर्ण बहिष्कार
बैंकर्स यूनाइटेड एट द रेट आफीशियल्स ने एक ट्वीट कर कहा है कि यह हड़ताल तो एक शुरुआत है। अगले चरण में हॉलीडे बैंकिंग का पूर्ण बहिष्कार होगा। हम सरकारी योजनाओं के लिए कोई अतिरिक्त सहयोग नहीं करेंगे। अगर कम लाभ निजीकरण का आधार है तो हमें अधिकार है कि हम बैंक का लाभ बढ़ाने के लिए हर संभव उपाय करें।
शनिवार को आधे दिन काम और इसके बाद बीच में रविवार पड़ गया और सप्ताह की शुरुआत के दो दिन सोमवार और मंगलवार को बैंकों की हड़ताल से लोगों को मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि प्राइवेट बैंक काम कर रहे हैं लेकिन खाताधारक बैंक के जरूरी कामकाज नहीं निपटा पाए। लगातार चार दिनों की बंदी से लोगों को पैसे के लिए भी परेशान होना पड़ा। मंगलवार को भी बैंक नहीं खुले।
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हजारों बैंक कर्मियों की जा सकती है नौकरी
बैंककर्मियों का कहना है कि सरकार की कार्यप्रणाली से हजारों कर्मियों की नौकरी जा सकती है। वहीं खाताधारकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बैंक कर्मियों का कहना है कि दो दिवसीय हड़ताल तो एक शुरुआत है। यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल तक करने की रणनीति बनायी जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।