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Bengal Doctors’ Strike : दिल्ली में 1 हजार आपरेशन टले, 40 हजार मरीजों को नहीं मिला इलाज

एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक एम्स में शुक्रवार को लगभग 645 छोटी और बड़ी सर्जरी होनी थीं। हड़ताल की वजह से इमरजेंसी को छोड़कर अधिकतर सर्जरी रद्द हो गईं।

Aditya Mishra
Published on: 14 Jun 2019 5:49 PM GMT
Bengal Doctors’ Strike : दिल्ली में 1 हजार आपरेशन टले, 40 हजार मरीजों को नहीं मिला इलाज
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रही । देशभर के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर समर्थन जताया है। वहीं, हड़ताल की वजह से देशभर के कई अस्पतालों में मरीज परेशान हैं।

राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते आज छह अस्पतालों में एक हजार से अधिक सर्जरी टल गईं और लगभग 40 हजार मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों में शुक्रवार को हड़ताल की वजह से सर्जरी, जांच, वार्ड की सेवाएं और ओपीडी बंद रहीं।

इन अस्पतालों में एम्स, सफदरजंग, लोकनायक, जीबी पंत, गुरू तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) और गुरू नानक देव नेत्र चिकित्सालय शामिल हैं। हड़ताल से प्रभावित अस्पतालों में लगभग 40 हजार मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। एम्स में लगभग 10 हजार मरीजों को हर रोज ओपीडी में देखा जाता है।

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एम्स में 645 सर्जरी टलीं

एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक एम्स में शुक्रवार को लगभग 645 छोटी और बड़ी सर्जरी होनी थीं। हड़ताल की वजह से इमरजेंसी को छोड़कर अधिकतर सर्जरी रद्द हो गईं। वहीं सफदरजंग में लगभग 200, लोकनायक अस्पताल में 100, जीबी पंत में 80, जीटीबी अस्पताल में 50 और गुरू नानक देव नेत्र चिकित्सालय में 40 सर्जरी रद्द हो गईं।

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अब कब सर्जरी होगी पता नहीं

डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जिन मरीजों को ऑपरेशन के लिए पहले से 14 जून की तारीख दी थी, उन्हें अस्पताल पहुंचने के बाद हड़ताल के बारे में जानकारी मिली। हालांकि कुछ मरीजों का यहां तक कहना था कि हड़ताल की जानकारी तो उन्हें मिल गई थी लेकिन ऑपरेशन को लेकर दोबारा कब अस्पताल आना है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।

अधिकतर मरीजों के मुताबिक सर्जरी का दोबारा समय लेने के लिए अब इन्हें सोमवार से फिर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। हड़ताल की वजह से दूर दराज के क्षेत्रों से आए मरीजों को अब फिर से समय लेने और नई ऑपरेशन की तारीख लेने के लिए अस्पताल आना पड़ेगा।

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने टीएससी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है।

डॉक्टर हर्षवर्धन ने सीएम ममता बनर्जी को लिखा पत्र

डॉक्टर हर्षवर्धन ने सीएम ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा है कि उसे वर्तमान गतिरोध को हल करने के लिए मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ' मैं पश्चिम बंगाल में एनआरअस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ हुए घटना के संदर्भ में ये पत्र लिख रहा हूं। आपको पता होगा कि देश के कई हिस्सों में रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं और वह आज ओपीडी की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।'

स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा, 'डॉक्टरों के आंदोलन का असर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ये संज्ञान लेने की जरुरत है कि पश्चिम बंगाल में जारी आंदोलन खत्म होने के बजाए और बिगड़ता जा रहा है। आप मेरी इस बात से सहमत होंगी की डॉक्टर समाज का प्रमुख स्तंभ हैं और वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। ये हमारा कर्तव्य है कि हम उनको अच्छा वातावरण काम करने के लिए उपलब्ध कराएं।'

डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर मंत्री ने लिखा, ' कानून के तहत उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी जो डॉक्टरों पर हमले करते हैं। मैं आपसे वर्तमान गतिरोध को हल करने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग करता हूं। केंद्र सरकार आपके साथ पूरी तरह से खड़ी है और सभी मदद करने को तैयार है।'

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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