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Bengal Teacher Job Scam: ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को सुप्रीम कोर्ट से झटका, टीचर जॉब स्कैम में जारी रहेगी ED की जांच
Bengal Teacher Job Scam: कोर्ट ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए टीएमसी नेता को कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
Bengal Teacher Job Scam: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। आज यानी सोमवार 10 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए टीएमसी नेता को कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
दरअसल, अभिषेक बनर्जी ने सीबीआई और ईडी की जांच के खिलाफ सबसे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 मई को उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों को किसी भी प्रकार का आदेश देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने न केवल उनकी याचिका खारिज कर दी बल्कि 25 लाख रूपये का उनके ऊपर जुर्माना भी ठोंक दिया था।
डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से तृणमुल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बीते 9 जून 2023 को शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई-ईडी की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए 25 लाख रूपये के जुर्माने के फैसले पर रोक लगा दी थी। जस्टिस जेके माहेश्वरी और पीके नरसिम्हा की वेकेशन बेंच ने तब कहा था कि वे छुट्टियों के बाद इस मामले को देंखेंगे। उन्होंने सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की थी।
बढ़ सकती हैं अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सियासी उत्तराधिकारी माने जाने वाले भतीजे अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चर्चित टीचर भर्ती स्कैम में उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच रफ्तार पकड़ सकती है। पार्थ चटर्जी जैसे कद्दावर टीएमसी नेता और कई अन्य लोग पहले से ही इस मामले को लेकर जेल में चक्की पिस रहे हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए आने वाले दिनों में बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता वैसी ही बढने के कयास लगाए जा रहे हैं।
दरअसल, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसियां केवल टीचर भर्ती स्कैम में ही पीछे नहीं पड़ी हुई हैं। कई और घपले – घोटाले हैं, जिन्हें लेकर वो और उनके करीबी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। कोयला तस्करी केस में ही उनकी पत्नी रूजिरा बनर्जी जांच का सामना कर रही हैं। इसके अलावा पशु तस्करी मामले को लेकर भी वो घिरे हुए हैं।
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला ?
पश्चिम बंगाल का ये चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है। जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाने वाले पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री हुआ करते थे। शिक्षक़ भर्ती में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई थी, जिसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी हुए। जब सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की तो शिकायतकर्ताओं ने कोलकाता हाईकोर्ट की ओर रूख किया। मई 2022 में उच्च न्यायालय ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की तरफ से 2014 से 2021 के बीच जो नियुक्तियां की गईं, उसकी जांच करने के आदेश दिए।
सीबीआई की जांच में जब मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया तब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने जुलाई 2022 को ममता सरकार में तत्कालीन मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले को लेकर भारी फजीहत होने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने अपने करीबी पार्थ को मंत्रीपद के साथ-साथ पार्टी से भी बाहर निकाल दिया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में बंद हैं।