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खुशखबरी! तैयार हुई कोरोना की दवा, इस डॉक्टर ने किया दावा

भारत के एक डॉक्टर ने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया है। बेंगलुरु के इस डॉक्टर ने दवा बनाने को लेकर सरकार से अनुमति भी मांगी है।

Shivani Awasthi
Published on: 27 March 2020 6:33 PM GMT
खुशखबरी! तैयार हुई कोरोना की दवा, इस डॉक्टर ने किया दावा
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बेंगलुरु: कोरोना वायरस से विश्व के कई देशों में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं दुनिया के तमाम देश कोरोना की दवा पर रिसर्च कर रहे हैं। इसी बीच भारत के एक डॉक्टर ने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया है। बेंगलुरु के इस डॉक्टर ने दवा बनाने को लेकर सरकार से अनुमति भी मांगी है।

कोरोना की दवा बनाने का दावा

दरअसल, बेंगलुरु के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. विशाल राव ने कोरोना के इलाज की दवा इजात करने का दावा किया है। दवा बनाने के बारे में जानकारी देने के साथ ही डॉक्टर राव ने बताया कि उनकी दवा अभी शुरूआती स्टेज में हैं और उसे बनाने के लिए उन्होंने सरकार से इजाजत मांगी है।

सरकार से मांगी इजाजत:

दवा निर्माण को लेकर सरकार के पास आवेदन भी भेजा गया है। ऐसे में सरकार की अनुमति के बाद ही आगे का काम शुरू होगा और अगर ये प्रयोग सफल हुआ तो भारत कोरोना की दवा बनाने वाला पहला देश होगा।

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कैसे बनाई कोरोना की दवा:

डॉक्टर राव के मुताबिक, कोरोना की दवा कुछ अन्य दवाओं को मिलाकर नई दवा के तौर पर तैयार हुई है। उन्होंने बताया कि साइटोकाइनिज की मदद से एक मिश्रण बनाया जा सकता है, जिसे मरीजों में इंजेक्ट किया जा सकता है। ये दवा मरीजों के इम्यून सिस्टम को फिर से जिंदा करेगी, हंलाकि अभी इसकी स्थिति शुरूआती स्टेज पर हैं।

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दवाई इम्यून सिस्टम को फिर से करेगी जिंदा

बता दें कि इंसानी शरीर की कोशिकाओं में वायरस से लड़ने की क्षमता होती है। कोशिकाओं में इंटरफेरॉन होते हैं जो वायरस से लड़ने में सहायक होते हैं, हालांकि, जब मरीज कोविड-19 से संक्रमित होता है तो उसकी कोशिकाओं से ये इंटरफेरॉन नहीं निकल पाते, जिससे उसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और वायरस का असर बढ़ता चला जाता है।

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इलाज के लिए न की संक्रमित होने से बचाने के लिए

इसी पर डॉ. राव ने शोध किया और पाया कि ये इंटरफेरॉन कोरोना वायरस से लड़ने में भी मददगार हैं। इसके लिए साइटोकाइन्स का एक मिश्रण तैयार किया गया,जिसे कोरोना मरीज के इलाज के लिए उसके शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा। डॉक्टर राव ने ये स्पष्ट किया कि उनकी बनाई दवाई कोई वैक्सीन नहीं हैं, ऐसे में ये इलाज के काम आ सकती है लेकिन कोरोना से संक्रमित होने से बचा नहीं जा सकती।

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