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Covaxin ने सवाल उठाने पर अमेरिकी मीडिया को दिया ऐसा जवाब, हो गई बोलती बंद
भारत बायोटेक (कोवैक्सीन)ने खुद ही आगे आकर अपना पक्ष रखा है। कम्पनी ने साफ-साफ कहा है कि टीकाकरण के बाद किसी भी तरह के गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने पर कंपनी मुआवजा देगी।
नई दिल्ली: भारत में आज से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन की शुरुआत की। जिसके बाद से देश भर के अस्पतालों में आज पहले दिन स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई।
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की खबर को अमेरिकी मीडिया ने भी प्रमुखता से छापा है लेकिन उसने भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को लेकर अपनी रिपोर्ट्स में कई तरह के सवाल खड़े किये हैं। जिसको लेकर अब भारत में एक नई बहस शुरू हो गई है।
जिसके बाद से भारत बायोटेक (कोवैक्सीन)ने खुद ही आगे आकर अपना पक्ष रखा है। कम्पनी ने साफ-साफ कहा है कि टीकाकरण के बाद किसी भी तरह के गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने पर कंपनी मुआवजा देगी।
बता दें कि भारत बायोटेक को कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की 55 लाख खुराक की आपूर्ति के लिए सरकारी खरीद का आदेश प्राप्त हुआ है।
Covaxin ने सवाल उठाने पर अमेरिकी मीडिया को दिया ऐसा जवाब, हो गई बोलती बंद (फोटो: सोशल मीडिया)
भारत में बनी इस वैक्सीन को लेकर अमेरिकी मीडिया ने खड़े किये सवाल, पढ़ें ये रिपोर्ट
अमेरिकी मीडिया ने Covaxin के बारें में ऐसा क्या लिखा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी मीडिया ने भारत की एक कोरोना वैक्सीन Covaxin के बारे में लिखा है कि यह साफ नहीं है कि यह वैक्सीन काम करेगी या नहीं।
रिपोर्टस में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि कोरोना की एक वैक्सीन Covaxin के डेटा को लेकर कई सवाल मौजूद हैं और लोगों को दो में से एक वैक्सीन चुनने का विकल्प भी नहीं दिया जाएगा।
अमेरिकी मीडिया ने साथ ये भी लिखा है कि मोदी भारत में कोरोना टीकाककरण लॉन्च कर रहे हैं, यह गर्व और संदेह का मिलाजुला समय है। भारत में दो वैक्सीन को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है।
इनमें से एक है भारत बायोटेक की Covaxin और दूसरी है सीरम इंस्टीट्यूट की Covishield। Covishield ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका की ओर से तैयार की गई वैक्सीन का भारतीय संस्करण है।
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Covaxin ने सवाल उठाने पर अमेरिकी मीडिया को दिया ऐसा जवाब, हो गई बोलती बंद (फोटो: सोशल मीडिया)
रिपोर्ट्स में लिखी हैं कई चौंकाने वाली बातें
रिपोर्ट्स में आगे लिखा है। भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin के फेज-3 ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं। शुरुआती स्टेज के ट्रायल हुए हैं, लेकिन उससे जुड़ा डेटा मुहैया नहीं कराया गया है जिससे पता चल सके कि वैक्सीन काम करती है या नहीं।
भारतीय अधिकारियों ने इससे पहले यह भी कहा था कि Covaxin ‘क्लिनिकल ट्रायल मोड’ में लोगों को दी जाएगी। भारत की प्रसिद्ध वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप कांग ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें नहीं पता इस बात का क्या मतलब है।
पब्लिक हेल्थ और बायोएथिक्स एक्सपर्ट अनंत भान कहते हैं कि डेटा के बिना ही रेग्यूलेटर्स ने भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी कैसे दी, इसको लेकर काफी अटकलें चल रही हैं।
रिपोर्ट्स में ये भी लिखा है कि वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर जताई जा रही चिंताओं पर जब भारत बायोटेक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया।
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