भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर झारखंड में राजनीति, स्टेन स्वामी के पक्ष में सरकार

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। रांची में पत्रकारों से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि, केंद्र सरकार को जब- जब राजनीतिक तौर पर ख़तरा महसूस होता है तो आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को कोपभाजन बनना पड़ता है।

Shivani
Published on: 10 Oct 2020 4:44 PM GMT
भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर झारखंड में राजनीति, स्टेन स्वामी के पक्ष में सरकार
X

रांची- भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर झारखंड की सियासत गर्म हो गई है। दो दिन पहले ही NIA ने रांची से फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया। इससे पहले भी NIA ने स्वामी से पूछताछ की है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। सीएम का कहना है कि, केंद्र सरकार को जब-जब ख़तरा महसूस होता है तो आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को कोपभाजन बनना पड़ता है। दूसरी तरफ भाजपा का आरोप है कि, कांग्रेस और झामुमो स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी पर विधवा विलाप कर रही हैं।

स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री का बयान

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। रांची में पत्रकारों से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि, केंद्र सरकार को जब- जब राजनीतिक तौर पर ख़तरा महसूस होता है तो आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को कोपभाजन बनना पड़ता है। स्टेन स्वामी लगातार आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के लिए काम करते रहे हैं। भाजपा के हर कृत्य के पीछे कुछ न कुछ छिपा एजेंडा होता है।

Bhima Koregaon Case Jharkhand soren government favored Stan Swamy

ये भी पढ़ेंः स्कूलों पर बड़ा आदेश: योगी सरकार ने जारी की नई तारीख, इस दिन से शुरू होगी पढ़ाई

सरकार की नीति और नीयत पर सवाल

फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को प्रदेश भाजपा जायज़ क़रार दे रही है। पार्टी का मानना है कि, कांग्रेस और झामुमो विधवा विलाप कर रही है। स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध कर सरकार ने जता दिया है कि, हेमंत सोरेन सरकार की नीति और नीयत क्या है। स्टेन स्वामी अर्बन नक्सलवाद के सूत्रधार रहे हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार ने कहा कि, अर्बन नक्सलवाद आज देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। भाकपा माओवादी के फ्रंट आर्गानाइजेशन पीपीएससी से जुड़े स्टेन स्वामी हार्डकोर वामपंथी कार्यकर्ता हैं। उन्होने कहा कि, NIA ने इस मामले में 10 हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाख़िल की है। स्टेन स्वामी का मामला आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।

Bhima Koregaon Case Jharkhand soren government favored Stan Swamy

ये भी पढ़ेंः सरकारी नौकरियों पर बड़ा ऐलान: इंटरव्यू पर हुआ ये फैसला, खुशी से झूम उठेंगे आप

स्टेन स्वामी के समर्थन में उतरे वाम दल

स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों और वामदलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। संगठनों ने स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के पक्ष में आवाज़ उठाने वालों पर हमला क़रार दिया है। सरकार की इस कार्रवाई से मानवाधिकार के पक्ष में आवाज़ उठाने वालों को भयभीत करने की कोशिश है। स्टेन स्वामी एक उम्र दराज व्यक्ति हैं। साथ ही अभी कोरोना वायरस का खतरा है। लिहाजा, स्टेन स्वामी को अविलंब रिहा किया जाए।

Bhima Koregaon Case Jharkhand soren government favored Stan Swamy

क्या है भीमा कोरेगांव मामला

31 दिसंबर 2017 को भीमा कोरेगांव में शौर्य दिन प्रेरणा अभियान के बैनर तले कई संगठनों ने मिलकर एक रैली निकाली थी। इस रैली का नाम एलगार परिषद् रखा गया था। इस रैली में भड़काउ भाषण के बाद हिंसक झड़प हुई थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत के साथ ही कई लोग घायल भी हुए थे। रांची से गिरफ्तार स्टेन स्वामी अर्बन नक्सल के संचालक बताए गए हैं। इस मामले में स्टेन स्वामी के अलावा आनंद तेलतुंबड़े, गौतम नौलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गायचर, ज्याति जगताप और मिलिंद तेलतुंबड़े के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।

Shivani

Shivani

Next Story