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भारत में वैक्सीन बनी मौत: ट्रायल के बाद नहीं बचा मरीज, जाने इसकी पूरी सच्चाई

भोपाल में 21 दिसंबर को दिहाड़ी मज़दूर दीपक मरावी की मौत हुई है दीपक वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी थे, ना सरकार से मदद मिली ना कहीं और से पत्नी जैसे-तैसे बच्चों का पेट पाल रही हैं।

SK Gautam
Published on: 9 Jan 2021 7:24 PM IST
भारत में वैक्सीन बनी मौत: ट्रायल के बाद नहीं बचा मरीज, जाने इसकी पूरी सच्चाई
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भारत में वैक्सीन बनी मौत: ट्रायल के बाद नहीं बचा मरीज, जाने इसकी पूरी सच्चाई

भोपाल: भारत में कोरोना की दो वैक्सीन को मंज़ूरी मिल गई है। जिसमें से स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का ट्रायल 7 जनवरी को पूरा हुआ। और इसके अगले ही दिन इसका डोज लेने वाले एक वॉलंटियर की मौत का मामला सामने आया है। 12 दिसंबर को एमपी की राजधानी भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन का ट्रायल डोज लेने वाले दीपक मरावी की 21 दिसंबर को मौत हो गई। इसका खुलासा 8 जनवरी को उसके बेटे ने किया, लेकिन पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट में मौत का कारण जहर बताया गया है। देश में कोवैक्सीन के ट्रायल में मौत का यह पहला मामला है।

दीपक मरावी अपने घर में मृत अवस्था में मिले

बता दें कि 21 दिसंबर को दीपक मरावी का शव उनके घर में मिला था। 22 दिसंबर को शव का पोस्टमार्टम कराया गया था जिसकी अंतिम रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इसके आने के बाद ही पता चल सकेगा कि मौत का कारण कोवैक्सीन का ट्रायल डोज है या नहीं। मृतक दीपक मरावी भोपाल गैस कांड के पीड़ित भी थे। 21 दिसंबर को दीपक मरावी का शव उनके घर में मिला था। 22 दिसंबर को शव का पोस्टमार्टम कराया गया था जिसकी अंतिम रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इसके आने के बाद ही पता चलेगा कि मौत का कारण कोवैक्सीन का ट्रायल डोज है या नहीं। मृतक दीपक मरावी भोपाल गैस कांड के पीड़ित भी थे।

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हॉस्पिटल से केवल फोन आया उन्हें देखने कोई नहीं आया-दीपक मरावी के बेटे

मृतक दीपक मरावी के बेटे ने खुलासा किया कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद पिता का हाल जानने के लिए पीपुल्स मेडिकल कॉलेज से नियमित फोन आए। उनकी मौत के बाद भी हॉस्पिटल से 2-3 बार फोन आया, लेकिन कोई उन्हें देखने नहीं आया। शुक्रवार को वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए हॉस्पिटल से फोन आया, तब मामले का खुलासा हुआ।

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ट्रायल के बाद मौत का यह पहला मामला है

गौरतलब है कि कोवैक्सीन स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है। इसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर तैयार किया है। 26 हजार से ज्यादा लोगों को अब तक इसका ट्रायल डोज दिया गया है, लेकिन मौत का यह पहला मामला है। दीपक के पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट में जहर के चलते हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया है। भोपाल में 21 दिसंबर को दिहाड़ी मज़दूर दीपक मरावी की मौत हुई है दीपक वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी थे, ना सरकार से मदद मिली ना कहीं और से पत्नी जैसे-तैसे बच्चों का पेट पाल रही हैं।

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