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तेजस से कांपा दुश्मन: भारत का सबसे ऐतिहासिक समझौता, सफलता से देश की जीत
देश अब रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बहुत ही तेजी से कदम बढ़ाते हुए आगे बढ़ रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन यानी कल बेंगलुरु में ही स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की दूसरी प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया था।
नई दिल्ली। भारत नई बुलंदियों को हासिल करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है। हर मुश्किल को हल कर भारत ने आज दुनिया में अपना विशिष्ठ स्थान प्राप्त किया है। ऐसे में देश अब रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बहुत ही तेजी से कदम बढ़ाते हुए आगे बढ़ रहा है।इसी कड़ी में बेंगलुरु में आज एयरो इंडियो शो के शुरू होने के साथ ही लड़ाकू विमान तेजस का रक्षा सौदा भी औपचारिक तौर पर हो गया है। जोकि देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसमें हुए 83 तेजस विमानों का यह सौदा 48 हजार करोड़ में किया गया है।
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83 तेजस विमान
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन यानी कल बेंगलुरु में ही स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की दूसरी प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया था। ऐसे में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की इस यूनिट के शुरू होने से वायुसेना को 83 तेजस विमान देने का काम भी दोगुनी रफ्तार से शुरू हो जाएगा।
बता दें, इन तेजस विमानों से जुड़ा ये घरेलू रक्षा सौदा आज औपचारिक तौर पर फाइनल हो गया है। और बुधवार 3 जनवरी के दिन बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो 2021 के शुरूआत के अवसर पर रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ने HAL के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन को कॉन्ट्रैक्ट हैंडओवर किया। समझौते की ये औपचारिकता रक्षा मंत्री की उपस्थिति में पूरी की गई।
फोटो-सोशल मीडिया
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आत्मनिर्भरत भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
दरअसल सीसीएस(CCS) मतलब कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते महीने इस समझौते पर मुहर लगाई थी। जिसमें इस समझौते के तहत HAL भारतीय वायुसेना के लिए 73 तेजस Mk-IA और 10 LCA यानी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तैयार करेगी।
भारत को मिली बड़ी उपलब्धि मतलब कि तेजस के प्रोडक्शन वाले इस समझौते से जहां वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, वहीं सरकार इस पहल को आत्मनिर्भरत भारत की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है।
ऐसे में तेजस की यूनिट के उद्घाटन के मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा था कि HAL का नाम पूरी दुनिया में है और जल्द ही वो वक्त आएगा जब दुनिया के अन्य देश हमसे रक्षा उपकरण खरीदेंगे। जीं हां राजनाथ सिंह ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है।
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