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सरकार का बड़ा ऐलान! बिजली उपभोक्ताओं के लिए आया नया प्लान

बिजली उपभोक्ताओं के लिए सरकार ये सुविधा दे रही है कि वे अपनी मन-मुताबिक किसी कंपनी से बिजली ले सकते हैं। उपभोक्ता अपनी बिजली वितरण कंपनी को कभी भी बदल सकते हैं। इस नए प्लान के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे 1 साल के भीतर ही कृषि के फीडर को अलग कर लें। 

Vidushi Mishra
Published on: 3 Aug 2023 4:07 PM GMT
सरकार का बड़ा ऐलान! बिजली उपभोक्ताओं के लिए आया नया प्लान
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही देश के बिजली उपभोक्ताओं को एक और उपहार दे सकती है। केंद्र सरकार अब देश के हर राज्य में कम से कम 4-5 कंपनियों को बिजली वितरण का लाइसेंस देने का प्लान बना रही है। इसी के चलते बिजली उपभोक्ताओं के लिए सरकार ये सुविधा दे रही है कि वे अपनी मन-मुताबिक किसी कंपनी से बिजली ले सकते हैं। उपभोक्ता अपनी बिजली वितरण कंपनी को कभी भी बदल सकते हैं। इस नए प्लान के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे 1 साल के भीतर ही कृषि के फीडर को अलग कर लें।

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सरकार के नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी

मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने बीती शुक्रवार को केेवडिया शहर में राज्यों के विद्यूत एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रिटेल बिजनेस सरकार का काम नहीं है।

आगे उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में केंद्र सरकार 3 से 4 छोटी निजी कंपनियां तैनात करेगी। ये कंपनियां उस क्षेत्र में बिजली की सप्लाई करेंगी। सरकार के इस प्लान से एक पंथ दो काज हो जाएगें। इससे एक तरफ सरकार के नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी और वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी बदलने का विकल्प भी मिल पाएगा।

आपको बता दें कि केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने बिजली की अधिक कीमतों पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में बिजली की दर 8 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि बिजली वितरण कंपनियां इससे बहुत कम दाम में उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति कर रही हैं।

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बैठक में दिया ये सुझाव

इस बैठक में पूरे देश में बिजली की दर प्रति यूनिट एक समान करने का भी सुझाव भी दिया गया है। हालांकि इस पर बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं, जल्द ही इस मसले पर कोई निर्णय लिया जाएगा है।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बताया कि राज्यों के सरकारी विभागों पर 47 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। सरकारी विभाग अपना बिल चुका दें तो बिजली कंपनियों की हालत में काफी सुधार हो सकता है। सरकरी ऑफिसों में जल्द से प्रीपेड मीटर लगाया जाए। जो डिपॉर्टमेंट जितने रुपये का टैरिफ डालेगा उस डिपॉर्टमेंट को उतनी ही बिजली उपयोग करने हेतु मिलेगी।

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