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किसानों के लिए गुड न्यूज: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानकर हो जाएंगे खुश

प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत किसानों के दावों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए चावल और गेहूं उत्पादक 100 जिलों में ड्रोन उड़ाने के लिए के प्रस्ताव को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने मंजूरी दी है।

Chitra Singh
Published on: 5 Feb 2021 5:41 AM GMT
किसानों के लिए गुड न्यूज: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानकर हो जाएंगे खुश
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किसानों के लिए गुड न्यूज: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानकर हो जाएंगे खुश

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े एक अहम फैसले का ऐलान किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत किसानों के दावों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए चावल और गेहूं उत्पादक 100 जिलों में ड्रोन उड़ाने के लिए के प्रस्ताव को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने मंजूरी दी है। इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री एनएस तोमर ने दी है।

देश का सबसे बड़ा पायलट अध्ययन

बता दें कि बीते बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रिमोट सेंसिंग तकनीक आधारित फसल उपज आंकलन के लिए अभी तक का यह देश का सबसे बड़ा पायलट अध्ययन है।



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रिमोट सेंसिंग डेटा चालित पायलट अध्ययन

अध्ययन के बारे में जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि ड्रोन इमेज के अलावा, उच्च स्थानिक रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट डेटा, बायोफ़िज़िकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, क्रॉपस्नाप, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स आदि का भी बड़े पैमाने पर इस पायलट अध्ययन में उपयोग किया जा रहा है। बीमा इकाई में स्मार्ट सैंपलिंग तकनीक और सीसीई के प्रत्यक्षीकरण और प्रत्यक्ष उपज अनुमान पर सटीक फसल उपज हानि के लिए फसल कटाई प्रयोग (CCEs) की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के लिए देश भर में PMFBY के तहत कई रिमोट सेंसिंग डेटा चालित पायलट अध्ययन किए गए हैं।

विशेषज्ञ समिति ने की सिफारिश

नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे बताया कि इस विभाग ने खरीफ 2019 और रबी 2019-20 में ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्यक्ष उपज आंकलन के लिए प्रौद्योगिकी संचालित पायलट अध्ययन करने के लिए 13 अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/निजी एजेंसियों को कार्य दिया था। एजेंसियों ने खरीफ 2019 के लिए 9 फसलों के लिए 15 राज्यों के 64 जिलों में सैटेलाइट, यूएवी, जैव-भौतिक मॉडल, स्मार्ट नमूनाकरण और फसल की उपज के आंकलन के लिए अन्य उन्नत सांख्यिकी तकनीकों की मदद से अध्ययन किया था। पायलट अध्ययन के उत्कृष्ट परिणामों को देखते हुए, मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ने ग्रामपंचायत स्तर पर प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए सिफारिश की है।



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पायलट अध्ययन के लिए 7 एजेंसियां

एजेंसियों और मॉडलिंग एक्यूरेसी द्वारा उपयोग की जाने वाली उन्नत तकनीक के आधार पर, खरीफ 2019 और रबी 2019-20 के लिए बड़े पैमाने पर पायलट अध्ययन के लिए 7 एजेंसियों (AMNEX, AGROTECH, CROPIN, ICRISAT, NIRUTHI, RMSI, WRMS) का चयन किया गया है। ड्रोन द्वारा ली गयी फसल की तस्वीरें, जीपी स्तर पर एजेंसियों द्वारा विकसित फसल उपज आंकलन के लिए महत्वपूर्ण मापदंडों में से एक हैं। यूएवी डेटा का उपयोग, दावों के समय पर निपटान और फसल क्षेत्र के आंकलन, स्थानीय आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान और विभिन्न हितधारकों के बीच उपज विवाद को हल करने के लिए नए आयाम लाएगा।

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