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पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सिविल कोर्ट के 16 कर्मी बर्खास्त, ये है बड़ी वजह

पटना हाई कोर्ट प्रशासन ने अभूतपूर्व कदम उठाते भ्रष्टाचार में लिप्त पटना सिविल कोर्ट के 16 कर्मियों को सेवा से सस्पेंड कर दिया है। पटना सिविल कोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि भ्रष्टाचार में लिप्त इतनी बड़ी संख्या में कर्मियों को सस्पेंड किया गया है।

Ashiki
Published on: 6 Jan 2021 3:57 AM GMT
पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सिविल कोर्ट के 16 कर्मी बर्खास्त, ये है बड़ी वजह
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पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सिविल कोर्ट के 16 कर्मी बर्खास्त, ये है बड़ी वजह

पटना: पटना हाई कोर्ट प्रशासन ने अभूतपूर्व कदम उठाते भ्रष्टाचार में लिप्त पटना सिविल कोर्ट के 16 कर्मियों को सेवा से सस्पेंड कर दिया है। पटना सिविल कोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि भ्रष्टाचार में लिप्त इतनी बड़ी संख्या में कर्मियों को सस्पेंड किया गया है। इन सभी कर्मचारियों पर घूस लेने का आरोप था।

टीवी चैनल दिखाया था घूसखोरी का मामला

दरअसल ये वाकया 15 नवम्बर 2017 की है, जब एक निजी टीवी चैनल ने कोर्ट में चल रहे घूस के लेन-देन को कैमरे में कैद कर प्रसारित किया था। इसे देश भर के लोगों ने देखा था। एक्साइज के स्पेशल कोर्ट में पेशकारों और अन्य कर्मियों का अभियुक्तों के साथ लेन-देन का खेल जब चल रहा था, तो एक टीवी चैनल के पत्रकार ने सबकुछ अपने कैमरे में कैद कर लिया था। उस दौरान बेशर्मी से चल रहे घूसखोरी का यह मामला 'कैश फॉर जस्टिस' के नाम से मामला काफी चर्चित हुआ था।

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न्यायपालिका की छत्रछाया में चल रहा था रिश्वत खोरी का खेल

न्यायपालिका की छत्रछाया में रिश्वत खोरी की घटना का प्रसारण होते ही न्यायपालिका में खलबली मच गई थी। पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया तो उन्होंने टीवी में दिखने वाले सभी कर्मचारियों को फौरन निलंबित करने का आदेश दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सभी कानूनी प्रक्रिया के बाद हाई कोर्ट प्रशासन ने अंततः सेवा से बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया।

बर्खास्त होने वाले कर्मी

बर्खास्त होने वाले कर्मचारियों में रोमेंद्र कुमार, संतोष तिवारी, कुमार नागेन्द्र, संजय शंकर, आशीष दीक्षित, प्रदीप कुमार, सुनील कुमार यादव, विश्वमोहन विजय (सभी पेशकार), मुकेश कुमार (क्लर्क), सुबोध कुमार (टाइपिस्ट), शहनाज़ रिज़वी (नकलखना क्लर्क), सुबोध कुमार (सर्वर रूम का क्लर्क), मनी देवी, मधु राय, राम एकबाल और आलोक कुमार (सभी चपरासी) शामिल हैं. पटना सिविल कोर्ट के इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार में लिप्त इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।

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