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बम ब्लास्ट में खोया हाथ: फिर भी मालविका अय्यर नहीं मनी हार, बनीं सुपरवुमन

आज मालविका अय्यर का जन्मदिन है, जिन्होंने अपनी विकलांगता से अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता तक का सफर तय किया। अपनी कमजोरी को अपना ढाल बनाकर उन्होंने दुनिया के सामने एक मिसाल खड़ी की है। 

Shreya
Published on: 18 Feb 2021 9:32 AM GMT
बम ब्लास्ट में खोया हाथ: फिर भी मालविका अय्यर नहीं मनी हार, बनीं सुपरवुमन
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बम ब्लास्ट में खोया हाथ: फिर भी मालविका अय्यर नहीं मनी हार, बनीं सुपरवुमन

नई दिल्ली: वैसे तो हर रोज किसी न किसी का जन्मदिन रहा है, लेकिन आज हमारे देश के एक ऐसी महिला का जन्मदिन है जिसके बारें में हर कोई जानना चाहता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अपनी विकलांगता से अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता तक का सफर तय करने वाली मालविका अय्यर की। जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है मुझे जन्मदिन मुबारक हो।

आप आज मुझसे कुछ भी पूछ सकते हैं और मैं जवाब देने का वादा करती हूं। इसके बाद से मालविका के ट्विटर अकाउंट पर जन्मदिन की शुभकामनाएं देने वालो का होड़ लग गया है।

आइए जानते हैं कौन हैं मालविका अय्यर

मालविका अय्यर कुंभकोणम तमिलनाडु की रहने वाली है। इनका जन्म 18 फरवरी 1989 को हुआ। जिन्होंने बम ब्लास्ट में अपना हाथ खो दिया। आपको बता दें कि अय्यर एक सामाजिक कार्यकर्ता, अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता और नेशनल अवार्डी है। अय्यर विकलांग के अधिकार के लिए वकालत भी करती है।

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आखिर क्या कहना है मालविका अय्यर का

मालविका बताती हैं कि मेरा बचपन बहुत ही मस्ती भरा था। मैं खेल और शास्त्रीय नृत्य में बहुत ही अच्छी थी। दुर्भाग्यवश मैं एक बम ब्लास्ट का शिकार हो गई, जिसमें मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों को खो दिया। मेरे पैरों में गंभीर चोटें आयी थीं। जिसमें कई फ्रैक्चर और अंदरूनी गंभीर चोट भी आयी। जिसके कारण मैं दो साल तक बिस्तर पर पड़ी रही और मेरी कई सर्जरी भी हुई।

लेकिन इस घटना के बाद से लोगों ने मुझे बहुत ही दयालु भाव से देखना शुरू कर दिया। जिससे मेरा मनोबल धीरे-धीरे कम होता गया। लेकिन मेरी मां ने मेरा साथ नही छोड़ा और हौसला अफजाई करती रही। जिनकी मदद से मैं आज इस मुकाम तक पहुंची हूं।

Malvika Iyer (फोटो- सोशल मीडिया)

मालविका का करियर

अय्यर चेन्नई में माध्यमिक विद्यालय में राज्य रैंक हासिल की जिसके बाद से अय्यर को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में अर्थशास्त्र (ऑनर्स) की पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ़ सोशल वर्क में मास्टर ऑफ सोशल वर्क में शामिल हुए।

उन्होंने मद्रास स्कूल ऑफ़ सोशल वर्क में अपना एम.फिल इन सोशल वर्क किया। जहां उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ प्रथम श्रेणी हासिल की और बेस्ट एम.फिल के लिए 'रोलिंग कप' जीता।

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प्रेरक वक्ता का सफर

अय्यर को 2013 में एक TEDxYouth @ चेन्नई में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने इस अनुभव को एक प्रेरक वक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद से इन्होने न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र में आमंत्रित किया गया। इसके बाद से अय्यर को स्कूलों, कॉलेजों, और युवा मंचों पर प्रेरित करने के लिए आमंत्रित किया जाने लगा। मार्च 2017 में उन्हें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया।अक्टूबर 2017 में, उन्हें नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इंडिया इकोनॉमिक समिट की सह-अध्यक्ष के लिए आमंत्रित किया गया था।

श्वेता पांडेय

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