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धमाके से उड़ेगी चीनी सेना: सीमा पर अब भारत का K9-Vajra Tank, कांपेगें दुश्मन देश

बृहस्पतिवार को भारतीय सेना की ताकत में बढ़ोत्तरी के चलते एक ऐसा जबरदस्त टैंक मिला है, जिसके आगे चीन और पाकिस्तान की तमाम तोपों की हालत खराब हो गई। भारत के इन टैंक से दुश्मन के टैंक्स, बंकर और दुश्मन सेना पर जमकर कहर बरसेगा।

Vidushi Mishra
Published on: 18 Feb 2021 8:01 AM GMT
धमाके से उड़ेगी चीनी सेना: सीमा पर अब भारत का K9-Vajra Tank, कांपेगें दुश्मन देश
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भारतीय सेना के इस टैंक का नाम K9-Vajra है। ऐसे में सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने गुजरात में K9-Vajra का 100वां टैंक रिसीव किया।

नई दिल्ली। भारत के दिन-प्रति-दिन ऊंचाई की नई मंजिल पर पहुंच रहा है। बृहस्पतिवार को भारतीय सेना की ताकत में बढ़ोत्तरी के चलते एक ऐसा जबरदस्त टैंक मिला है, जिसके आगे चीन और पाकिस्तान की तमाम तोपों की हालत खराब हो गई। भारत के इन टैंक से दुश्मन के टैंक्स, बंकर और दुश्मन सेना पर जमकर कहर बरसेगा। ऐसे में इस टैंक की खासियत ये हैं कि ये 18 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर दूर तक गोला दाग सकता है। एक बार अगर टैंक से ये गोला निकल गया तो दुश्मन का नामों निशाना झटपट ही खत्म हो जाता है।

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दुश्मन का खात्मा तय

भारतीय सेना के इस टैंक का नाम K9-Vajra है। ऐसे में सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने गुजरात में K9-Vajra का 100वां टैंक रिसीव किया। ऐसे में भारतीय सेना के पास जो K9-Vajra टैंक है उसका गोला 25 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन के भी छक्के छुड़ाके मार देने में सक्षम है।

भारत में K9-Vajra टैंक बनाया गया है। 100 टैंक का ऑर्डर 4500 करोड़ रुपए में दिया गया था। जोकि अब बनकर पूरी तरह हो चुका है।बता दें, इसका 80 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी है। देश के इस टैंक के 13 हजार कलपुर्जे भारतीय कंपनी ने भारतीय परिस्थितियों को देखकर बनाया है। साथ ही इसे बनाने में 1000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल पार्टनर यानी MSME शामिल है। जिनमें से 150 तो केवल गुजरात की कंपनियां ही हैं।

vajra फोटो-सोशल मीडिया

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1 मिनट में तबाह होते दुश्मन

बता दें, K9-Vajra टैंक को बनाने वाली प्रमुख कंपनी लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) है। ताकतवर टैंक बनाने के लिए कंपनी ने नए रक्षा इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी। और उन्हें टैंक के ऑटोमेशन और अन्य एक्टिविटीज के लिए प्रशिक्षित किया गया।

महाशक्तिशाली K9-Vajra टैंक को सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने बनाया था। इसे वहां हान्वा कंपनी के साथ मिलकर L&T ने रिसर्च किया। टैंक में 155 मिलीमीटर और 52 कैलिबर का गोला लगता है। और इसका दूसरा हथियार है 0.50 कैलिबर का 12.7 मिलीमीटर हैवी मशीन गन (HMG) है। ये टैंक दुश्मन को अगर 55 किलोमीटर दूर बैठा है तो 1 मिनट में तबाह हो जाएगा।

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Vidushi Mishra

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