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किसानों का हमदर्द बनने की होड़ः भाजपा- कांग्रेस समेत ये दल भी रेस में...
कांग्रेस ने उन्हे बताया है कि, यह काला क़ानून कृषि को ख़त्म कर देगा। कांग्रेस के किसान सम्मेलन में पहुंचे एक दूसरे किसान
रांची : कृषि और किसानों से जुड़े तीन कानूनों के सामने आने के बाद संसद से लेकर सड़क तक समर्थन और विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं। झारखंड में भी कृषि कानूनों को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा इन कानूनों को कृषि और किसानों के लिए बेहतर बता रही है जबकि, कांग्रेस इसके अवगुणों को लेकर हमला बोल रही है। दोनों ही पार्टियां खुद को किसानों की हितैषी साबित करने में लगी है।
एक तरफ किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है तो दूसरी ओर किसान संगोष्ठी बुलाई जा रही है। अब सवाल ये है कि, समर्थन और विरोध की इस राजनीति का कितना लाभ किसानों को मिलेगा। कांग्रेस के किसान सम्मेलन में पहुंचे कुछ ऐसे ही किसानों से उनकी राय जानने की कोशिश की गई।
झारखंड के किसानों की राय
बेहद तामझाम के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के आवास पर किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। अनगड़ा प्रखंड से पहुंचे कृषक विमल उऱांव ने बताया कि, नए कानूनों से किसानों की ज़मीन उनके हाथों से निकल जाएगी। लिहाज़ा, वे लोग इस क़ानून को लेकर डरे हुए हैं। कांग्रेस ने उन्हे बताया है कि, यह काला क़ानून कृषि को ख़त्म कर देगा। कांग्रेस के किसान सम्मेलन में पहुंचे एक दूसरे किसान गणेश भोगता ने बताया कि, नए कृषि कानूनों से किसानों को घाटा उठाना पड़ेगा। लिहाज़ा, वे लोग अपना विरोध दर्ज करने के लिए किसान सम्मेलन में पहुंचे हैं।
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सोशल मीडिया से फोटो
पूंजीवाद की समर्थक है भाजपा
केंद्र की मोदी सरकार पूंजीवाद की समर्थक है। पूंजीवाद आने से देश का किसान बर्बाद हो जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव की मानें तो कांग्रेस शुरू से किसानों की हितैषी रही है। नए कृषि कानून देश के किसानों के विरुद्ध है। किसान सम्मेलन में पहुंचे कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि, किसान कांग्रेस का वोटबैंक नहीं है बल्कि, परिवार की तरह है। किसानों के दुख-दर्द से कांग्रेस को वास्ता रहा है। विरोधी पार्टी के लोग किसानों को बाज़ार मानते हैं। उन्ही लोगों ने आनन-फानन में तीन कानून लाए। देश की जनता ने भाजपा को जनादेश ज़रूर दिया है लेकिन राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
भाजपा की किसान संगोष्ठी
कांग्रेस के किसान सम्मेलन के जवाब में भाजपा ने किसान संगोष्ठी का आयोजन किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि, किसानों की आय दोगुणी करना और उत्पादन बढ़ाने की नीयत से तीन क़ानून लाए गए हैं। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों का आत्मनिर्भर होना बेहद ज़रूरी है। यह कानून किसानों के लिए खुला बाज़ार, पूंजी निवेश और वस्तु थोक करने की आज़ादी देगा। किसान अपनी शर्तों के साथ उत्पादन बेचेगा।
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सोशल मीडिया से फोटो
बिचौलियों और दलालों के साथ है कांग्रेस
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की मानें तो मंडियों में दलालों और बिचौलियों का बोलबाला रहा है। कांग्रेस इन बिचौलियों और दलालों की संरक्षक रही है। कृषि कानूनों से बिचौलियों और दलालों की दलाली खत्म हो जाएगी। कांग्रेस ने किसानों को लूटना का काम किया है। जिन्हे गेंहू और धान की जानकारी भी नहीं वे किसानों की बात कर रहे हैं। किसान संगोष्ठी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि, झारखंड में भाजपा के शासनकाल में किसानों के सम्मान और किसानों के हित में कई योजनाएं शुरू की गई। वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने उसे बंद कर दिया है।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।