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BJP Foundation Day: अटल-आडवाणी ने रखी थी भाजपा की नींव, PM मोदी ने पहुंचाया शिखर पर, 2 से 303 सीटों तक का सफर
BJP Foundation Day: भाजपा के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर इस पार्टी की नींव रखी थी और आज यह पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।
BJP Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर आज देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। 1980 में आज ही के दिन पार्टी का आधिकारिक तौर पर गठन किया गया था। हालांकि पहले इसे भारतीय जनसंघ के नाम से जाना जाता था और पार्टी अपनी पहचान बना चुकी थी। भाजपा के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर इस पार्टी की नींव रखी थी और आज यह पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।
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1984 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 2 सीटों पर कामयाबी मिली थी मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के 303 सीट जीतने में कामयाब रही। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली बड़ी कामयाबी के पीछे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी भूमिका रही है। पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व के दम पर पार्टी आज काफी बुलंदियों पर पहुंच चुकी है और भाजपा के पास देश में सबसे अधिक सांसद, विधायक और विधानपरिषद के सदस्य हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को ही सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
इस तरह हुई थी पार्टी की स्थापना
भारतीय जनता पार्टी का आधिकारिक रूप से गठन 6 अप्रैल 1980 को किया गया था। हालांकि इसके पहले भी पार्टी भारतीय जनसंघ के नाम से देश की सियासत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में कांग्रेस से नाता तोड़ने के बाद भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। हिंदू पहचान और संस्कृति का संरक्षण भारतीय जनसंघ का मूल मकसद था और इस काम में पार्टी को हमेशा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मदद मिलती रही है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे नेता जनसंघ को मजबूत बनाने में जुटे रहे। उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
वाजपेयी ने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया था। शुरुआती दिनों में इन दोनों नेताओं की पार्टी को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका रही। पार्टी को आम जनमानस से जोड़ने में अटल ने बड़ी भूमिका निभाई जबकि आडवाणी ने संगठन स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा था कि पार्टी सियासी रूप से धीरे-धीरे मजबूत होती रही।
1984 में सिर्फ दो सीटों पर मिली थी जीत
हालांकि गठन के बाद शुरुआती दिनों में भाजपा को काफी संघर्ष करना पड़ा 1984 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 2 सीटों पर कामयाबी मिल सकी थी। पार्टी का यह प्रदर्शन काफी निराश करने वाला था मगर अटल की अगुवाई में पार्टी नेताओं ने हार नहीं मानी। वे लगातार पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे रहे। इसका नतीजा आने वाले दिनों में देखने को मिला। 1990 के दशक में पार्टी एक बार फिर मजबूती की राह पर बढ़ चली। राम मंदिर आंदोलन ने भाजपा को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
धीरे-धीरे इस तरह मजबूत हुई भाजपा
1996 का लोकसभा चुनाव में भाजपा को 161 सीटों पर कामयाबी मिली और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई। अटल ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि वे अपना बहुमत साबित करने में कामयाब नहीं हो सके और उन्हें 13 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। 1998 के लोकसभा चुनाव में पार्टी और मजबूत हुई और पार्टी को 182 सीटों पर कामयाबी मिली। अटल फिर देश के प्रधानमंत्री बने मगर एआईडीएमके के समर्थन वापस लेने के कारण इस बार भी सरकार 13 महीने में ही गिर गई।
1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और मजबूत हो बनकर उभरीऔर इस बार अटल 5 साल तक सरकार चलाने में कामयाब रहे। हालांकि इसके बाद 2004 और 2009 के चुनाव में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा और कांग्रेस की अगुवाई में 10 वर्षों तक यूपीए की सरकार सत्ता पर काबिज रही।
पीएम मोदी की अगुवाई में मिली बड़ी जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने के बाद भाजपा को बड़ी कामयाबी हासिल हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव से चली मोदी लहर अभी तक अपना कमाल दिखाने में कामयाब रही है और भाजपा लगातार जीत के पथ पर आगे बढ़ती जा रही है।
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 282 सीटों पर कमल खिला था। 2014 में भाजपा 1984 के बाद 30 साल में अपने दम पर बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी थी। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी को कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी बड़ी कामयाबी मिली।
2019 में 303 सीटों तक पहुंचा आंकड़ा
2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व में भाजपा और बुलंदी पर पहुंच गई। पार्टी ने 303 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस सहित अन्य सभी विपक्षी दलों को पूरी तरह बैकफुट पर ढकेल दिया। यह उपलब्धि कोई जादू या चमत्कार नहीं थी बल्कि इसके पीछे नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी नेताओं की कड़ी मेहनत और मजबूत रणनीति को अहम कारण माना जाता रहा है।
पिछले 9 वर्षों के दौरान भाजपा सियासी रूप से काफी मजबूत हो गई है। आज देश के कई बड़े प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हैं। कभी भाजपा को सिर्फ हिंदी पट्टी की पार्टी माना जाता था मगर अब दक्षिण भारत में कर्नाटक से लेकर पूर्वोत्तर में असम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा तक में भाजपा ने सरकार बनाकर अपनी ताकत दिखा दी है।
अब देश मे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी की अगुवाई में भाजपा को ही सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।