×

कर्नाटक में भी NRC: मोदी विरोधी को भारत विरोधी बताने वाले तेजस्‍वी सूर्या की मांग

उन्‍होंने गृहमंत्री अमित शाह से कर्नाटक में भी एनआरसी लागू करने की मांग की है और यह मानते हैं कि बांग्‍लादेश के घुसपैठियों से बेंगलूरू को सबसे बडा खतरा है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 27 Sep 2020 4:10 PM GMT
कर्नाटक में भी NRC: मोदी विरोधी को भारत विरोधी बताने वाले तेजस्‍वी सूर्या की मांग
X
उन्‍होंने गृहमंत्री अमित शाह से कर्नाटक में भी एनआरसी लागू करने की मांग की है और यह मानते हैं कि बांग्‍लादेश के घुसपैठियों से बेंगलूरू को सबसे बडा खतरा है।

नई दिल्‍ली भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार सांसद बने 29 साल के तेजस्‍वी सूर्या को युवा मोर्चा की कमान सौंपी है तो उसका मकसद दक्षिण भारत में विस्‍तार के साथ ही देश के युवाओं में भी भारत गौरव और स्‍वाभिमान का भाव जगाए रखना है।

भारतीय संस्‍कृति और हिन्‍दुत्‍व के कट़टर समर्थक तेजस्‍वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशभक्‍त मानने के साथ ही कहा था कि जो लोग मोदी विरोधी हैं वह दरअसल भारत विरोधी लोग हैं। उन्‍होंने गृहमंत्री अमित शाह से कर्नाटक में भी एनआरसी लागू करने की मांग की है और यह मानते हैं कि बांग्‍लादेश के घुसपैठियों से बेंगलूरू को सबसे बडा खतरा है।

बेंगलूरू दक्षिण लोकसभा सीट से पहली बार निर्वाचित हुए तेजस्‍वी सूर्या के पिता एलए सूर्यानारायण एक्‍साइज विभाग में ज्‍वाइंट कमिश्‍नर रहे हैं। उनके मामा रवि सुब्रमण्‍य भी राजनेता हैं और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं में शामिल हैं। वह बासवनगौडी सीट से विधायक भी हैं। तेजस्‍वी सूर्या पेशे से वकील हैं और उन्‍होंने कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बीएस येदुरप्‍पा पर लगे भ्रष्‍टाचार मामले में पैरवी करने वाले वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अशोक हरनहल्‍ली का सहयोग किया है।

यह पढ़ें...यूपी में हारेगा कोरोना: सीएम बोले-बढ़ाओ टेस्टिंग, RT-PCR से हो एक तिहाई जांच

इसके अलावा भी वह कर्नाटक के कई वरिष्‍ठ भाजपा नेताओं के मुकदमों की पैरवी कर चुके हैं। अखिल भारतीय विद़यार्थी परिषद में काम करने के बाद पार्टी नेताओं की उन पर नजर तब पडी जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री रहते हुए 2014 में उन्होंने मोदी के चुनाव अभियान को दक्षिण भारत में सफल बनाया। अमित शाह के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रहने के दौरान उन्‍होंने भाजपा की मंगलौर चलो रैली के आयोजन में अहम भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के बाद उन्‍हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान डिजिटल कम्‍यूनि‍केशन टीम की जिम्‍मेदारी सौपी गई।

विवादित बयानों से मिली चर्चा

तेजस्‍वी सूर्या को अपने विवादित बयानों की वजह से भी चर्चा में रहने का मौका मिला। भारतीय संस्‍कृति और हिन्‍दुत्‍व के कटटर समर्थक तेजस्‍वी पिछले सात सालों से लगातार ऐसी ही टिप्‍पणियां करते आ रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब पूरे देश में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद जारी थी ।

मार्च 2019 में उन्‍होंने कहा कि सभी भारत विरोधी ताकतें मोदी को सत्‍ता में आने से रोकने के लिए एकजुट हो गई हैं। मोदी का एजेंडा सशक्‍त एवं नव भारत निर्माण है जबकि विरोधी दलों का एकमात्र एजेंडा मोदी को सत्‍ता में आने से रोकना है।

tejasiswi surya file photo file photo

उनके पास कोई सकारात्‍मक एजेंडा नहीं है। अगर आप मोदी के साथ हैं तो आप देश के साथ हैं और अगर आप मोदी के साथ नहीं हैं तो आप राष्‍ट्र- विरोधी ताकतों को मजबूत कर रहे हैं। भाजपा के जानकारों का कहना है कि तेजस्‍वी का यह भाषण उनके और भाजपा दोनों के लिए लाभदायक रहा।

इस भाषण के बाद पूरे देश में माहौल बना कि विपक्ष का मकसद केंद्र में सरकार बनाना नहीं बल्कि मोदी को हराना है। इसका फायदा तेजस्‍वी को भी मिला। भाजपा ने कई बार के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्‍वर्गीय अनंत कुमार की पत्‍नी तेजस्विनी अनंत कुमार के बजाय इस सीट से तेजस्‍वी को मौका दे दिया।

यह पढ़ें...UP में जातिगत नियुक्ति: AAP ने जारी की लिस्ट, इन अधिकारियों के नाम आए सामने

तेजस्‍वी ने इसके अलावा भी कई ऐसे विवादित बयान दिए जिससे उनकी छवि उग्र हिन्‍दुत्‍व समर्थक की बनी और माना गया कि इससे युवा वर्ग में उनकी पैठ बढती गई। उन्‍होंने मुस्लिमों को लेकर कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं है

लेकिन सभी आतंकवादियों का एक मजहब है और वह निश्‍चित तौर पर इस्‍लाम है। उन्‍होंने सांसद बनने के बाद पाकिस्‍तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फतेह के हवाले से टवीट कर कहा कि 95 प्रतिशत अरब महिलाओं को पिछले कई सौ सालों से चरम यौन सुख नहीं मिला है।

वह प्रेम के परिणाम स्‍वरूप नहीं बल्कि सेक्‍स के जरिये बच्‍चों को जन्‍म दे रही हैं। उनके इस टवीट पर बडा बवाल मचा और संयुक्‍त अरब अमीरात ने भी इस पर पीएमओ से एतराज जताया जिसके बाद तेजस्‍वी ने अपना टवीट हटा लिया।

तेजस्‍वी पर महिला मित्र ने लगाए आरोप

तेजस्‍वी सूर्या पर उनकी एक महिला मित्र ने चुनाव से पहले गंभीर आरोप लगाए। इसे आधार बनाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया। इसके बाद हालांकि तेजस्‍वी की महिला मित्र ने अपना आरोप वाला टवीट हटा दिया और अदालत में बताया कि उसे कोई शिकायत नहीं है।

बांग्‍लादेशी मुद़दे पर बेहद मुखर हैं तेजस्‍वी

लोकसभा सदस्‍य बनने के साथ ही तेजस्‍वी ने कई अहम मुददों को सदन में उठाया है। 10 जुलाई 2019 को लोकसभा के शून्‍यकाल में सूर्या ने देश के गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि एनआरसी को कर्नाटक में भी लागू करें क्‍योंकि बेंगलुरू में बांग्‍लादेशी घुसपैठियों की तादाद बढती जा रही है।

कर्नाटक के हम्‍पी में जब देवस्‍थान को कुछ लोगों ने तोड दिया तो सूर्या ने लोकसभा में सरकार से कहा कि वह पवित्र धर्मस्‍थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। उन्‍होंने ई-सिगरेट बैन करने की मांग भी सदन में उठाई।

यह पढ़ें...यूपी में हारेगा कोरोना: सीएम बोले-बढ़ाओ टेस्टिंग, RT-PCR से हो एक तिहाई जांच

युवाओं में लोकप्रियता को मिलेगा फायदा

तेजस्‍वी के बयान और उग्र तेवर को देखते हुए भाजपा मान रही है कि उन्‍हें भाजयुमो का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाने का फायदा आगामी दिनों में मिलेगा। कर्नाटक को भाजपा अपने लिए दक्षिण भारत की राजनीति का प्रवेश द़वार मानती है। तेजस्‍वी के अध्‍यक्ष बनने से दक्षिण भारत के युवाओं के बीच पैठ बनाने में तो मदद मिलेगी है और साथ में उनका उग्र हिन्‍दुत्‍व उत्‍तर भारत में भी अपना करिश्‍मा दिखा सकता है।

पिछले दिनों उनके एक बयान को उत्‍तर भारत समेत पूरे देश में लोगों ने पसंद किया था जिसमें उन्‍होंने कहा था कि हिन्‍दुओं , अपने धर्म को बनाए रखने के लिए सत्‍ता पर हिन्‍दुओं का कब्‍जा जरूरी है। जब हम सत्‍ता में नहीं थे तो हमारे मंदिर तोडे गए। अब हम सत्‍ता में हैं तो दोबारा मंदिर बनाने जा रहे हैं। 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटों के दम पर ही मोदी जी के लिए यह करना संभव हुआ है।

अखिलेश तिवारी

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story