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बॉर्डर पर दोनों देशों ने चलाया सयुंक्त ऑपरेशन, ऐसे बचाया देश के लोगों को
ऑपरेशन से त्रिपुरा के तीन नागरिकों की जान बच गई। ऐसे में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने पिछले दिनों नेशनल लिबरेशन ऑफ त्रिपुरा संगठन के लोगों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की चुनौती दी थी।
नई दिल्ली: बांग्लादेश और त्रिपुरा के बॉर्डर पर दोनों देशों ने एक जुट होकर एक ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन से त्रिपुरा के तीन नागरिकों की जान बच गई। ऐसे में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने पिछले दिनों नेशनल लिबरेशन ऑफ त्रिपुरा संगठन के लोगों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की चुनौती दी थी। जिसके चलते इस संगठन ने हाल में ही त्रिपुरा के तीन नागरिक सुभाष, सुभान और गण मोहन को अगवा कर लिया था।
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एक ऑपरेशन को हरी झंडी
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव ने फिर अपने बयान के तत्काल बाद एक ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी। और इसके बाद अब बांग्लादेश की सरकार ने भी उनके समर्थन यानी सपोर्ट की बात कही थी।
असल में बात ये है कि तीनों को ही 7 दिसंबर को भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास से अगवा किया गया था। इसके बाद जब ये साफ हुआ कि NLFT के सदस्य तीनों को बांग्लादेश ले गए हैं, उसी वक्त बिप्लब कुमार देव ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से फोन पर बात की और उनकी सहायता मांगी।
फोटो-सोशल मीडिया
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पूरे वाकये की जानकारी
सूत्रों से सामने आई खबर के अनुसार, बिप्लब देब ने शेख हसीना को पूरे वाकये की जानकारी दी और उनकी सहायता मांगी। जिसके बाद बांग्लादेश प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद की बात कही। जिसके बाद त्रिपुरा के सीएम ने अपनी चर्चा की जानकारी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी।
और इसके बाद ही बांग्लादेश ने बड़े स्तर पर NLFT के उन सदस्यों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया और तीनों त्रिपुरा के नागरिकों को बचाने की शुरुआत की। हालाकिं जब ऑपरेशन शुरू हुआ, तो NLFT के सदस्य जंगलों के रास्ते भारत की तरफ आने लगे।
हालाकिं इस समय में बीएसएफ(BSF) को अलर्ट पर रखा गया। जिसके बाद हॉस्टेज की जान खतरे में आई, NLFT ने तीनों को छोड़ने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की खी। जिसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने दो प्लान पर फोकस किया, पहला पैसा देने का वादा करने पर और दूसरा NLFT के परिवारों पर दबाव बनाने पर।
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