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पाकिस्तान पर भारत की जीत: कोलकाता में जश्न, शामिल हुए बांग्लादेश के 58 योद्धा

1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित इस वर्ष के ‘विजय दिवस’ समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत के निमंत्रण पर बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के 58 वीर योद्धा 15 दिसंबर को कोलकाता पहुंचे।

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Published on: 15 Dec 2020 3:13 PM GMT
पाकिस्तान पर भारत की जीत: कोलकाता में जश्न, शामिल हुए बांग्लादेश के 58 योद्धा
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विजय दिवस समारोह में भाग लेने बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के 58 योद्धा कोलकाता पहुंचे

लखनऊ: 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित इस वर्ष के ‘विजय दिवस’ समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत के निमंत्रण पर बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के 58 वीर योद्धा 15 दिसंबर को कोलकाता पहुंचे। जहां के फोर्ट विलियम में भारतीय सेना की पूर्वी कमान की तरफ से आयोजित कार्यक्रम स्वागत विजय दिवस उत्सव 2020 में इन योद्धाओं ने भाग लिया।

इन योद्धाओं ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारतीय सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ते हुए उसे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। विजय दिवस उत्सव के संबंध में बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल इंडिया इन बांग्लादेश से ट्वीट कर जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया है कि मुक्ति वाहिनी के 58 योद्धा और बांग्लादेश सशस्त्र बलों के सेवारत अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस वर्ष विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए कोलकाता पहुंच चुका है। बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास ने कोरोना संकट को देखते हुए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत आ रहे इन योद्धाओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की।

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन हुआ

भारतीय सेना की तरफ से फोर्ट विलियम में हुए इस आयोजन में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन हुआ। इस दौरान बांग्लादेश की आजादी से जुड़ी एक प्रेरणादायक फिल्म दिखाने के साथ ही कार्यक्रम में शामिल हुए मुक्ति वाहिनी के योद्धाओं ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारतीय सेना के सहयोग और शौर्य को याद करते हुए भारत को धन्यवाद दिया।

विजय दिसव के इस कार्यक्रम में महावीर चक्र से सम्मानित भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल आनंद स्वरूप को भी सम्मानित किया गया। आनंद स्वरूप उस समय भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे, जब उन्होंने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना के ब्रिगेडियर ताकीसुद्दीन को चिटगांव में आत्मसमर्पण करवाया था।

बता दें कि वर्ष 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना के जुल्म के विरोध में बांग्लादेश में बनी मुक्ति वाहिनी ने सशस्त्र युद्ध छेड़ दिया था। भारतीय सेना ने मुक्ति वाहिनी का हर तरीके से साथ दिया। भारतीय सेना के सराहनीय प्रयासों से बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करा लिया गया। युद्ध के बाद पाकिस्तान सेना को आत्मसमर्पण करना पड़ा। जिसमें 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था।

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विदेश मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार विजय दिवस के एक दिन बाद यानी 17 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच एक वर्चुअल शिखर बैठक होगी। इस बैठक में दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे जिसमें कोविड काल के बाद सहयोग को और मजबूत करना शामिल है।

श्रीधर अग्निहोत्री

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