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Wrestlers Protest: हरिद्वार पहुंच पहलवानों को मनाने में सफल हुए नरेश टिकैत, अब गंगा में नहीं बहाएंगे मेडल

Wrestlers Protest : दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने से धरना दे रहे पहलवानों को वहां से हटा दिया गया है, लेकिन ये मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा। 30 मई को पहलवानों ने हरिद्वार में अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने का ऐलान किया। लेकिन, किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें मना लिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 May 2023 6:44 PM IST (Updated on: 31 May 2023 1:22 AM IST)
Wrestlers Protest: हरिद्वार पहुंच पहलवानों को मनाने में सफल हुए नरेश टिकैत, अब गंगा में नहीं बहाएंगे मेडल
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महिला पहलवान ( सोशल मीडिया)

Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर चल रहा आंदोलन भले समाप्त हो गया हो, लेकिन पहलवानों की लड़ाई जारी है। धरना स्थल से हटाए गए पहलवानों ने मंगलवार (30 मई) को बड़ा ऐलान किया। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने अपने मेडल गंगा नदी में बहाने की घोषणा की।पहलवान अपने मेडल गंगा में बहाने हरिद्वार में हर की पौड़ी पहुंच चुके हैं। उन्हें मनाने के किसान नेता नरेश टिकैत (Naresh Ticket) भी हरिद्वार पहुंचे। टिकैत के समझाने पर पहलवान मेडल गंगा में नहीं बहाने को राजी हो गए।

साथ ही, पहलवानों ने बृजभूषण शरण के खिलाफ नए सिरे से मुहिम छेड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा अब दिल्ली का इंडिया गेट पहलवानों का धरना स्थल होगा। वहीं, गंगा सभा ने पहलवानों के मेडल विसर्जित करने के कार्यक्रम का विरोध किया है।

राकेश टिकैत बोले- पहलवान मेडल गंगा में न बहाएं

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पहलवानों से मेडल गंगा में प्रवाहित न करने को कहा है। यूपी के लखीमपुर खीरी में राकेश टिकैत ने कहा, 'ये देश की धरोहर है। वह देश के मेडल हैं। हताश होने की जरूरत नहीं है। संघर्ष जारी रखिये। आजादी की भी लड़ाई 90 वर्ष तक चली थी। इसमें भी बातचीत की जाएगी। देश की राष्ट्रपति को मेडल वापस करेंगे। गंगा में प्रवाहित नहीं करना चाहिए। उन्होंने पुलिस और एलआईयू से भी कहा है कि पहलवानों को ऐसा करने से रोकें और समझाएं।

हरिद्वार के SSP बोले- मेडल बहाने से नहीं रोकेंगे

इस बीच, हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने कहा, वो हरिद्वार आ रहे पहलवानों को नहीं रोकेंगे। न ही उन्हें मेडल नदी में बहाने से रोका जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एसएसपी अजय सिंह के हवाले से कहा गया है कि, 'पहलवान कुछ भी करने को स्वतंत्र हैं। अगर वो अपने मेडल पवित्र गंगा नदी में बहाने आ रहे हैं तो हम उन्हें रोकेंगे नहीं। पहलवानों को रोकने का कोई भी निर्देश सीनियर अधिकारियों की ओर से नहीं मिला

दिग्गज महिला रेसलर और आंदोलन का चेहरा बनीं विनेश फोगाट ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पहलवानों के इस अगले कदम की जानकारी दी है। उन्होंने एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें लिखा है - आज यानी मंगलवार शाम 6 बजे हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए। इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं।

हमने पवित्रता से इन मेडल को हासिल किया था। इन मेडल को पहनाकर तेज सफीदी वाला तंत्र केवल अपना प्रचार करता है। फिर हमारा शोषण करता है। पत्र में आगे कहा गया है कि हम पवित्र गंगा को मानते हैं। ये मेडल सारे देश के लिए पवित्र है। पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र गंगा मां ही हो सकती है। हम राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को मेडल वापस नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली।

आमरण अनशन करने की घोषणा

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस पत्र में दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा किया गया है। उस पर आंदोलन को दबाने के लिए अनैतिक तरीके अपनाने के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा सलूक कर रही है। जबकि आरोपी खुली सभा में हमारे ऊपर फब्तियां कस रहा है।

पहलवानों ने कहा कि मेडल हमारी जान है, हमारी आत्मा है। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी सैनिकों जैसी थी।

28 मई को जंतर-मंतर से हटाए गए थे आंदोलनकारी

कुश्ती संघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने इस साल जनवरी में ही यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। जनवरी में कुछ दिनों तक जंतर-मंतर पर इनका प्रदर्शन भी चला था। जो निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद खत्म हो गया था। जब पहलवानों को लगा कि उनके साथ किया गया वादा नहीं निभाया गया तो वे 23 अप्रैल को वापस जंतर-मंतर पर बैठ गए। 28 मई यानी रविवार के दिन राष्ट्रीय राजधानी में देश की संसद की नई इमारत का उद्घाटन होना था और पहलवानों ने उसी दिन संसद के बाहर महिला महापंचायत बुला ली थी।

दिल्ली पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगाकर पहलवानों को नई संसद भवन तक नहीं पहुंचने दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को हिरासत मे लिया, जिसमें साक्षी, विनेश और पूनिया भी शामिल थे। इसके अलावा पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे उनके टैंट भी उखाड़ दिए। कई घंटे तक जंतर-मंतर पर अफरातफरी का माहौल रहा। पुलिस ने कई धाराओं में पहलवानों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए हैं।

अब बृजभूषण सिंह करेंगे रैली

महिला पहलवानों द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद से विवादों में घिरे बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह भी अपना दांव चलने जा रहे हैं। सिंह ने पांच जून को अयोध्या में भव्य रैली करने का ऐलान किया है। जिसमें विशेष तौर पर संत शामिल होंगे। रैली के जरिए पॉक्सो एक्ट में संसोधन की मांग की जाएगी। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा है।

बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की शिकायत पर जो दो मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें एक पॉक्सो एक्ट से जुड़ा मामला है। क्योंकि दो शिकायतकर्ता नाबालिग है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद दिल्ली पुलिस ने बीजेपी सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस की एसआईटी मामले की जांच कर रही है।



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Krishna Chaudhary

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