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BSP: मायावती ने भतीजे आकाश आंनद को दी बड़ी जिम्मेदारी, 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव में संभालेंगे बीएसपी का प्रचार अभियान
BSP: उत्तर प्रदेश में लगातार सियासी शिकस्त का सामना कर रही बसपा सुप्रीमो मायावती ने अन्य राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है।
BSP: उत्तर प्रदेश में लगातार सियासी शिकस्त का सामना कर रही बसपा सुप्रीमो मायावती ने अन्य राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। अगले कुछ महीने में तीन पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अलावा तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हो रहे ये चुनाव देश की राजनीति के लिए काफी अहम होने वाला है।
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इन चार में से तीन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, दक्षिणी राज्य तेलंगाना में ये दोनों पार्टियां दूसरे- तीसरे स्थान के लिए लड़ रही हैं। इन प्रदेशों में दलितों की आबादी अच्छी-खासी है। लिहाजा मायावती ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए इन चार राज्यों में मजबूती से चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
दिल्ली से मायावती संभालेंगी कमान
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती इन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में रहेंगे और वहीं से पूरा मोर्चा संभालेंगी। इन चार राज्यों में जमीन पर संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ कमेटियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख इन राज्यों के पार्टी प्रतिनिधियों से लगातार मुलाकात कर रही हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , राजस्थान और तेलंगाना के अलावा पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में भी साल के आखिरी में चुनाव होने हैं। लेकिन बीएसपी का मुख्य फोकस चार राज्यों पर ही है।
बुआ ने भतीजे आकाश आंनद को दी बड़ी जिम्मेदारी
बसपा प्रमुख मायावती सियासत में अपने उत्तराधिकारी के रूप में भतीजे आकाश आनंद को लगातार पेश कर रही हैं। बीएसपी में आकाश को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बना उन्होंने काफी हद तक तस्वीर साफ कर दी है। मायावती ने आगामी चार राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। आकाश आनंद इन चार राज्यों में पार्टी के प्रचार अभियान की अगुवाई करेंगे। 15 जुलाई से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , राजस्थान और तेलंगाना का उनका तूफानी दौरा शुरू होगा।
मायावती के लिए क्यों अहम है ये विधानसभा चुनाव
बहुजन समाज पार्टी देश के छह राष्ट्रीय दलों में शामिल है। पार्टी की मुखिया मायावती को फिलहाल देश का सबसे बड़ा दलित नेता माना जाता है। लेकिन 2012 के बाद से मायावती और उनकी पार्टी का प्रभाव क्षेत्र तेजी से सिकुड़ रहा है। लगातार सियासी शिकस्तों के कारण उनकी पार्टी के राष्ट्रीय दर्ज पर भी संकट उत्पन्न हो चुका है। इसके अलावा एक मायावती के एक राष्ट्रीय नेता होने की साख पर भी बट्टा लगा है। ऐसे में इन दोनों विषम परिस्थितियों से निकलने के जरूरी है कि बसपा आगामी विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करे। इन चुनावी राज्यों में बेहतर प्रदर्शन से उनकी स्थिति मजबूत होगी और लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी गठबंधन में शामिल होने के दौरान वे अच्छी सौदेबाजी कर सकेंगी।
2018 में कैसा रहा था प्रदर्शन ?
मायावती की पार्टी बीएसपी ने साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में महज दो सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन करने के बावजूद बसपा 2 सीटें ही जीत पार्ई थीं। हालांकि, पार्टी का प्रदर्शन राजस्थान में ठीक रहा था। राजस्थान में बसपा के छह उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे।