संसद का बजट सत्र: जनवरी में होगा शुरू, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ''देश में कई राज्यों में विधानसभा हो सकती है, कई संस्थाएं चल सकती हैं पर संसद नहीं बुलाई जा सकती। पिछला संसद का सत्र तब हुआ जब कोविड अपने चरम पर था। साफ है सरकार किसानों की मांगो के डर से कोविड को बहाना बना कर संसद सत्र नहीं बुला रही।''

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Published on: 15 Dec 2020 8:30 AM GMT
संसद का बजट सत्र: जनवरी में होगा शुरू, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
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संसद का बजट सत्र: जनवरी में होगा शुरू, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट के बीच कृषि कानून का मुद्दा गरमाया हुआ है। किसानों द्वारा जारी कृषि आन्दोलन को 20 हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई पुख्ता हल नही निकल पाया है। इस बीच कृषि कानून के मसले पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच संसद का सत्र जल्द ही शुरू हो सकता है। केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे एक पत्र के अनुसार, सरकार जनवरी में ही बजट सत्र को शुरू कर सकती है।

कोरोना संकट के कारण नहीं हो पाया शीतकालीन सत्र

बता दें कि कोरोना संकट के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हो पाया है। ऐसा काफी लंबे वक्त बाद हुआ है जब संसद का कोई सत्र नहीं हो रहा है। इसी मसले पर बीते दिनों लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसदीय मंत्री को चिट्ठी लिखी थी। संसदीय मंत्री ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोरोना संकट के कारण इस बार मॉनसून सत्र भी सितंबर में हो पाया था, जिसमें काफी सावधानी बरती गई थी। मॉनसून सत्र में कुल 27 बिलों को पास किया गया था।

Adhir Ranjan Chaudhary-2

संसद का बजट सत्र बुलाने का आश्वासन

प्रह्लाद जोशी ने लिखा कि कोविड संक्रमण के फैलाव और उसके खतरे को देखते हुए तमाम दूसरे दलों के संसदीय दल के नेताओं से बात करने के बाद शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने का फैसला किया है। हालांकि अधीर रंजन चौधरी को लिखी अपनी चिट्ठी में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जनवरी 2021 मे संसद का बजट सत्र बुलाने का आश्वासन दिया है।

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सरकार किसानों की मांगो के डर से कोविड को बहाना बना कर संसद सत्र नहीं बुला रही-अधीर रंजन चौधरी

इससे पहले किसानों की मांगो पर चर्चा कर तीनों संबंधित कानून वापस लेने की मांग करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने संसद सत्र बुलाने की मांग की थी। सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ''देश में कई राज्यों में विधानसभा हो सकती है, कई संस्थाएं चल सकती हैं पर संसद नहीं बुलाई जा सकती।

पिछला संसद का सत्र तब हुआ जब कोविड अपने चरम पर था। साफ है सरकार किसानों की मांगो के डर से कोविड को बहाना बना कर संसद सत्र नहीं बुला रही।''

अक्सर बजट सत्र अक्सर जनवरी के अंत

प्रह्लाद जोशी ने लिखा है कि सर्दी का मौसम कोरोना संकट के कारण काफी अहम है और दिल्ली में भी लगातार केस बढ़े हैं। अभी दिसंबर आधा बीत गया है और हमें जल्द ही कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। ऐसे में मैंने कई फ्लोर लीडर्स से संपर्क किया है और शीतकालीन सत्र पर बात की है।

बजट सत्र अक्सर जनवरी के अंत में शुरू होता है, क्योंकि अब बजट 1 फरवरी को पेश होने लगा है। ऐसे में जनवरी के आखिरी सप्ताह में बजट सत्र की शुरुआत होती है, जो बजट पेश होने और उसपर चर्चा होने तक जारी रहता है।

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कोरोना वायरस का संकट, वैक्सीन का इंतजार

गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संकट, वैक्सीन का इंतजार, कृषि कानून पर मचा घमासान समेत कई अन्य मुद्दे हैं जिनपर विपक्ष लगातार हमलावर है। और कई बार संसद का सत्र बुलाने की मांग कर चुका है, ऐसे में अगर संसद का सत्र शुरू होता है तो सरकार और विपक्ष के बीच घमासान देखने को मिल सकता है।

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