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राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू, सत्र में हो सकता है हंगामा

राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज यानि गुरुवार से शुरू होगा। बजट सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। किसानों की आत्महत्या, अलवर के थानागाजी में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच मतभेद, बिजली एवं पानी की समस्याओं को लेकर अशोक गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर रहेगी।

Roshni Khan
Published on: 27 Jun 2019 9:30 AM IST
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू, सत्र में हो सकता है हंगामा
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जयपुर: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज यानि गुरुवार से शुरू होगा। बजट सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। किसानों की आत्महत्या, अलवर के थानागाजी में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच मतभेद, बिजली एवं पानी की समस्याओं को लेकर अशोक गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर रहेगी।

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इस बजट सत्र की कुछ ख़ास बातें-

- विधानसभा के चारों ओर पांच सौ मीटर के क्षेत्र में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। विधानसभा भवन में अंदर मार्शल के पास आरएसी के जवान तैनात रहेंगे और साथ ही आईबी के पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। अंदर और बाहर करीब 500 आरएसी जवान और आईबी के कार्मिक तैनात किए गए हैं। वहीं बाहर एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

- विधानसभा बनने के बाद से अब तक विधानसभा में एक साथ दो सौ विधायक नहीं बैठ सके हैं। इस बार भी यह गिनती पूरी नहीं होने वाली है। इस बार भी विधानसभा में 198 विधायक ही बैठेंगे।

- विधानसभा सत्र से ठीक दो दिन पहले सरकार ने 11 भर्ती परीक्षाओं को रद्द कर दिया। सरकारी स्तर होने वाली इन परीक्षाओं की लाखों परीक्षार्थी तैयारी कर रहे थे। इन परीक्षाओं की तारीखें भी जारी कर दी गई थी, लेकिन इससे ठीक पहले इनको रद्द कर दिया गया। अब इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दल इस विधानसभा सत्र में पुलिस की परेशानी बढ़ा सकते हैं। पुलिस ने विधानसभा और आसपास के क्षेत्र में किसी भी तरह के धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में प्रदर्शन करने वालों और पुलिस में टकराव के हालत बन सकते हैं।

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- विधानसभा में इस बार मीडिया पर पाबंदी लगाई गई है। कांग्रेस सरकार के पहले बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मी न अब मंत्री से मिल पाएंगे और न ही नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के किसी नेता से। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर मीडियाकर्मियों को सिर्फ पत्रकार दीर्घा तक सीमित कर दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब मीडिया पर विधानसभा में इस प्रकार की पाबंदी लगाई गई है।

- मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों तक को जारी पास की संख्या में भी कटौती की गई है, इससे अधिकारियों में भी नाराजगी है कि सचिवालय से विधानसभा तुरंत कोई जानकारी मंगवानी होगी तो कैसे मंगाई जाएगी। विगत सत्र में 5 हजार से अधिक प्रवेशपत्र जारी किये गये थे । अभी तक केवल 550 प्रवेशपत्र ही बनाये गये है ।

- मंत्रियों को प्रश्नकाल के साथ शून्यकाल में भी सदन में उपस्थित रहना होगा ।

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- दर्शक दीर्घा के लिए आने वाले दर्शकों के लिए एक नया प्रवेश द्वार विधानसभा भवन के दक्षिण पूर्व दिशा में बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से भी आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र से आये आगन्तुकों के प्रवेश पत्र एक दिवस पूर्व बनवा लें ।

- विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से यह अपेक्षा की है कि वे आगामी सत्र में संसदीय परम्पराओं का निर्वाह करते हुए सदन में सार्थक चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाये रखने में पीठासीन अधिकारियों के साथ साथ सारे सदन का सहयोग अपेक्षित है।

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- बजट सत्र से पहले पहली बार सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समस्त राजनैतिक दलों के नेताओं से चर्चा करने की इस नई परम्परा की सभी दलों ने प्रशंसा की। बैठक में प्रस्तुत प्रस्तावों पर सभी दलों के सदस्यों की सहमति से निर्णय लिए गए।

- नए विधायकों के लिए कार्यशाला आयोजित करने, डिजिटल म्यूजियम एवं एमएलए फ्लैट्स के बारे में विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच अलग से चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।

Roshni Khan

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