आखिर क्यों? नहीं पहुंच पा रही मदद, जारी है मजदूरों का पलायन

लोग पैदल, साईकिल, मोटरसाईकिल और ट्रकों के ऊपर बैठकर जान जोखिम में डालकर अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। शहर में यह नजारा हर जगह सड़कों पर देखने को मिल रहा है। हमारे कैमरामैन आशुतोष त्रिपाठी ने अपने कैमरे में इन तस्वीरों को कैद किया है।

SK Gautam
Published on: 12 May 2020 8:42 AM GMT
आखिर क्यों? नहीं पहुंच पा रही मदद, जारी है मजदूरों का पलायन
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लखनऊ: कोरोना के चलते देश में लागू किये गए लॉक डाउन का तीसरा चरण ख़त्म होने को है। देश में मौजूदा स्थिति यह है कि यातायात के लिए ट्रेन, बसों का संचालन राज्यों की तरफ से शुरू किया जा चुका है। लेकिन फिर भी प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है।

लोग पैदल, साईकिल, मोटरसाईकिल और ट्रकों के ऊपर बैठकर जान जोखिम में डालकर अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। शहर में यह नजारा हर जगह सड़कों पर देखने को मिल रहा है। हमारे कैमरामैन आशुतोष त्रिपाठी ने अपने कैमरे में इन तस्वीरों को कैद किया है।

हमारे कैमरामैन द्वारा खिंची गयी तस्वीरों में साफ़-साफ़ देख सकते हैं कि हमारे मजदूर भाई किस प्रकार कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने घर जाने के लिए ट्रकों पर बैठे हुए हैं। और कुछ लोग साईकिल से निकल पड़े हैं। तो कुछ पैदल।

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1- बिमारी ने नौकरी छिना तो घरों के लिए, दूर-दूर से साईकिल से ही निकल पड़े हैं ।

2-साईकिल पर अपनी जरूरत के सामान भी लिए हैं।

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3- जान जोखिम में डालकर ट्रकों पर बैठकर निकल लिये।

4- चाहे कुछ भी साधन मिला हो लिये सवार, मदद करने वालों की भी कमी नहीं।

5- सफ़र में अब मिलेगा थोड़ा सुकून, जल्दी पहुंचेंगे अपने घर ।

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इन प्रवासी मजदूरों को लंबी यात्रा के बाद जब कोई साधन मिल जा रहा है तो आगे की यात्रा को थोड़ा सुकून मिल रहा है। लेकिन प्रश्न यह है कि इस सफर के लिए प्रवासी मजदूरों को कोई सरकारी सहायता क्यों नहीं मिल पा रही है।

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SK Gautam

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