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India Canada News: G20 समिट के दौरान भी उखड़े हुए थे कनाडा के PM ट्रूडो, प्रेसिडेंशियल सुइट की जगह आम कमरे में रुके, भारतीय सुरक्षा लेने से कर दिया था मना

India Canada News: ट्रूडो की नाराजगी को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने भारत की सुरक्षा लेने से भी इनकार कर दिया था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 21 Sep 2023 3:23 AM GMT (Updated on: 21 Sep 2023 3:44 AM GMT)
Canada pm Justin Trudeau and PM Modi
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Canada pm Justin Trudeau and PM Modi (photo: social media ) 

India Canada News: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच टकराव चरम पर पहुंच चुका है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का बड़ा आरोप लगाया है। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। दिल्ली में हाल में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी ट्रूडो पूरी तरह उखड़े हुए थे और उन्होंने दिल्ली के लग्जरी होटल में प्रेसिडेंशियल सुइट में रुकने से इनकार कर दिया था। उन्होंने एक आम कमरे में रुकना पसंद किया था।

ट्रूडो की नाराजगी को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने भारत की सुरक्षा लेने से भी इनकार कर दिया था। अपना प्लान खराब होने के कारण उन्हें निर्धारित कार्यक्रम से दो दिन ज्यादा दिल्ली में रुकना पड़ा और इन दो दिनों के दौरान वे होटल के अपने कमरे से बाहर भी नहीं निकले थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में दिए गए डिनर में भी ट्रूडो ने हिस्सा नहीं लिया था।

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प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं रुके ट्रूडो

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के लिए भारत सरकार की ओर से दिल्ली के विभिन्न लग्जरी होटल में प्रेसिडेंशियल सुइट बुक कराए गए थे। प्रेसिडेंशियल सुइट में विदेशी राष्ट्राध्यक्षों की सुरक्षा के लिए विशेष बंदोबस्त किया गया था। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के रुकने का इंतजाम द ललित होटल में किया गया था और उनके लिए इस होटल में प्रेसिडेंशियल सुइट बुक था।

अब पता चला है कि ट्रूडो ने प्रेसिडेंशियल सुइट में रुकने से इनकार कर दिया था और इसकी जगह वे एक नॉर्मल कमरे में रुके थे। ट्रूडो जितने दिन भी दिल्ली में रहे, उन्होंने प्रेसिडेंशियल सुइट का एक बार भी इस्तेमाल नहीं किया और वे लगातार आम कमरे में ही बने रहे।

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विमान खराब होने से हुई थी फजीहत

वैसे ट्रूडो को दिल्ली प्रवास के दौरान अपने विमान में आई खराबी के कारण असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ा था। वे जी 20 के दिल्ली शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 8 सितंबर को दिल्ली पहुंचे थे और 10 सितंबर को उनकी वापसी होनी थी। ट्रूडो का विमान तकनीकी रूप से खराब हो जाने के कारण कनाडा से दूसरा विमान भेजा गया था जिससे ट्रूडो की 12 सितंबर को दिल्ली से वापसी हुई थी। विमान में आई खराबी के कारण कनाडा की मीडिया और विपक्ष ने भी ट्रूडो पर हमला बोला था।

इस कारण ट्रूडो को तीन दिन के बजाय पांच दिनों तक दिल्ली में रुकना पड़ा और इस पूरी अवधि के दौरान वे होटल के नॉर्मल कमरे में ही बने रहे। होटल के नॉर्मल कमरे में ट्रूडो का रुकना अभी तक पहेली बना हुआ है।

माना जा रहा है कि भारत से नाराजगी के कारण वे उन्होंने यह कदम उठाया। विमान खराब होने की खबर मिलने के बाद वे होटल में अपने कमरे से बाहर तक नहीं निकले थे। जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें भारत की ओर से विमान मुहैया कराने का प्रस्ताव भी दिया गया था जिसे ट्रूडो ने ठुकरा दिया था।

भारत की सुरक्षा लेने से किया इनकार

कनाडा के प्रधानमंत्री के संबंध में एक और बड़ा खुलासा यह भी हुआ है कि दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने भारत की सुरक्षा लेने से भी इनकार कर दिया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ट्रूडो बाराखंभा रोड स्थित द ललित होटल की 16वीं मंजिल पर ठहरे हुए थे। दिल्ली आते ही उन्होंने भारतीय सुरक्षा व गाड़ी लेने से मना कर दिया था।

उनका कहना था कि उनकी गाड़ी लैंड क्रूजर कनाडा से आई है। सुरक्षा भी साथ आई है। यहां तक कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के पीएसओ को भी लेने से मना कर दिया था। पीएसओ को कनाडाई सुरक्षा घेरे से आगे जाने नहीं दिया गया था। पीएसओ का काम सिर्फ कनाडा की टीम को रास्ता बताने तक ही सीमित रहा।

गर्मजोशी भरी नहीं रही पीएम मोदी से मुलाकात

जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ट्रूडो की मुलाकात भी ज्यादा सकारात्मक नहीं दिखी। जहां पीएम मोदी दूसरे राष्टाध्यक्षों के साथ काफी गर्मजोशी से मिले,वहीं ट्रूडो से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज अच्छी नहीं दिखी थी। अब भारत से लौट के बाद ट्रूडो ने कनाडा की संसद में भारत पर बड़ा आरोप लगाकर दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी तल्खी पैदा कर दी है।

दोनों देशों ने एक-दूसरे के डिप्लोमेट को निकाल दिया है और लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का दौर जारी है। कनाडा लंबे समय से खालिस्तानी आतंकवादियों का गढ़ बना हुआ है और जानकारों का कहना है कि सिख वोट बैंक की वजह से ट्रूडो भारत विरोधी इन आतंकियों की बैकिंग करने में जुटे हुए हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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