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वाडिया की ओर से दायर मानहानि का मामला कारोबारी विवाद का नतीजा: रतन टाटा

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योगपति नुस्ली वाडिया की ओर से उनके और समूह के अन्य निदेशकों के खिलाफ दायर मानहानि मामला कारोबारी विवाद का नतीजा है। 

Anoop Ojha
Published on: 18 April 2019 11:28 AM GMT
वाडिया की ओर से दायर मानहानि का मामला कारोबारी विवाद का नतीजा: रतन टाटा
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मुंबई : टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योगपति नुस्ली वाडिया की ओर से उनके और समूह के अन्य निदेशकों के खिलाफ दायर मानहानि मामला कारोबारी विवाद का नतीजा है।

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इससे पहले , रतन टाटा और टाटा संस के अन्य निदेशकों ने मानहानि मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने मामले में मेजिस्ट्रेट अदालत द्वारा शुरू की गई सुनवाई को रोकने और मामले को खारिज करने की मांग की थी। नुस्ली वाडिया ने 2016 में रतन टाटा समेत अन्य निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।

मेजिस्ट्रेट अदालत ने दिसंबर 2018 में मानहानि मामले में रतन टाटा और टाटा संस के अन्य निदेशकों को नोटिस जारी किया था।

रतन टाटा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बृहस्पतिवार को न्यायधीश रंजीत मोरे और भारती डांगरे की खंडपीठ को बताया कि यह पूरा मामला बिना सोचे - समझे दायर किया गया है।

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सिंघवी ने अदालत को बताया , " यह मामला सिर्फ रतन टाटा और नुस्ली वाडिया के बीच कारोबारी विवाद का नतीजा है। नुस्ली वाडिया टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के प्रबल समर्थक हैं। "

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता (वाडिया) की मानहानि की शिकायत गलत है और " दरअसल यह मानहानि नहीं है। "

सिंघवी ने कहा कि , " टाटा संस की ओर से अपने समूह की कंपनियों को नवंबर 2016 के बैठक ब्योरे और पत्र जारी किए थे उनमें वाडिया को हटाने की मांग की गई थी क्योंकि वह कंपनी के हितों के खिलाफ काम कर रहे थे। "

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न्यायालय ने दलीलें सुनने के बाद याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 10 जून तय की है।

वाडिया ने मेजिस्ट्रेट अदालत के सामने किए अपने दावे में कहा था कि 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस समूह के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद रतन टाटा और अन्य ने उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिये हैं।

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वाडिया टाटा समूह की कंपनियों के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल थे। वह समूह की इंडियन होटल्स कंपनी, टीसीएस, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील सहित विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल थे।

इन कंपनियों के शेयरधारकों ने दिसंबर 2016 से लेकर फरवरी 2017 के बीच हुई विशेष तौर पर बुलाई गई बैठकों में निदेशक मंडल से हटा दिया।

(भाषा)

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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