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कश्मीर में गुलाम का कटा टिकट, विरोध करना पड़ गया भारी
गुलाम नबी आजाद को दोपहर 3.30 बजे की फ्लाइट से दिल्ली वापस भेज दिया जायेगा। उनके साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी आज सुबह ही श्रीनगर पहुंचे थे। यहां गुलाम नबी आजाद को स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ कश्मीर के हालात पर बैठक करनी थी।
नई दिल्ली: धारा- 370 को ख़त्म किये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी लगातार इसका विरोध कर रही है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद आज पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए श्रीनगर पहुंचे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने से मना कर दिया और श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। आजाद को अब विस्तारा की अगली फ्लाइट से वापस दिल्ली भेजा जाएगा।
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बताया जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद को दोपहर 3.30 बजे की फ्लाइट से दिल्ली वापस भेज दिया जायेगा। उनके साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी आज सुबह ही श्रीनगर पहुंचे थे। यहां गुलाम नबी आजाद को स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ कश्मीर के हालात पर बैठक करनी थी।
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गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में भी मोदी सरकार का पुरजोर विरोध किया था और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को गैर संवैधानिक करार दिया था।
आर्टिकल 370 को इस तरह कमजोर करना एक गैर-संवैधानिक फैसला है
गुरुवार को श्रीनगर रवाना होने से पहले गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था । उनका कहना था कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को कर्फ्यू में रखकर ऐसा फैसला किया है, जो कि शर्मनाक है। इसके अलावा आजाद ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना और आर्टिकल 370 को इस तरह कमजोर करना एक गैर-संवैधानिक फैसला है।
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केंद्र सरकार द्वारा धारा-370 हटाने का का विरोध कांग्रेस कर रही है
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया था और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के विरोध में वोट किया था। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार के फैसले की ट्वीट कर आलोचना की थी और इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
अगर कश्मीर की बात करें तो घाटी में अभी भी धारा 144 लगी हुई है और सुरक्षाबलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है। जम्मू, श्रीनगर और लद्दाख तीनों ही इलाकों में धारा 144 लगी हुई है, हालांकि लोगों को जरूरत का सामान लेने के लिए बाजार में जाने की छूट दी गई है।
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बता दें कि सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में कई नेताओं को हिरासत में रखा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन समेत कई नेता अभी भी हिरासत में ही हैं।