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डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस पर उठे सवाल, तो सरकार बोली- नियम पुराना
मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस जारी की, तो काफी विवाद उठा। केंद्र सरकार पर शक्ति का केंद्रीकरण करने का आरोप लगा।
नई दिल्ली. डिजिटल मीडिया की गाइडलाइंस को लेकर केंद्र सरकार ने आज सफाई देते हुए बताया कि एमरजेंसी के हालातों में इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक करने का प्रावधान नया नहीं है, बल्कि साल 2009 से चला आ रहा है। सरकार ने कहा कि डिजिटल मीडिया के लिए नए नियम नहीं बनें, पुराने नियम हैं। बता दें कि हाल ही में डिजिटल मीडिया को लेकर आईं नई गाइडलाइंस जारी किये जाने पर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना हो रही हैं।
केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया गाइडलाइन पर दी सफाई
मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस जारी की, तो काफी विवाद उठा। केंद्र सरकार पर शक्ति का केंद्रीकरण करने का आरोप लगा। कहा गया कि नए नियमों के लागू होने से प्रकाशकों के लिए सुनवाई का कोई मौका ही नहीं बचा है। इस बाबत शनिवार को केंद्र ने कहा कि सूचना तकनीक नियम, 2021 के भाग-3 के नियम-16 को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होने सफाई दी कि डिजिटल मीडिया के ये नए नियम इकोसिस्टम के लिए समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एक ढ़ाचा प्रदान करेगा।
सरकार ने जारी किया डिजिटल मीडिया गाइडलाइन
बता दें कि सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने गुरुवार को Guidelines for Intermediaries and Digital Media Ethics Code 2021 जारी किया था। इस कानून का मकसद डिजिटल कंटेंट को रेगुलेट करना है।
ध्यान दें कि डिजिटेंट कंटेंट का आशय डिजिटल न्यूज, सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म से है।
गाइडलाइन में क्या नियम
सरकार की गाइडलाइन के भाग 3 में नियम 16 के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को ये अधिकार है कि वह किसी भी आपात स्थिति में कंटेंट को ब्लॉक करने का आदेश जाए कर सकें।
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गाइडलाइन के विरोध पर सरकार का नया बयान
केंद्र का बयान कहता है कि "2021 की गाइडलाइन का भाग 3 सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जाएगा, लिहाजा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीकी मंत्रालय के सचिव की जगह, सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय कर दिया गया है। इसके अलावा कोई और नया प्रावधान नहीं किया गया है।"